हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: क्रिप्टो को माना गया “संपत्ति”, निवेशकों को मिले कानूनी अधिकार और सुरक्षा

चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी भारतीय कानून के तहत संपत्ति (Property) मानी जा सकती है। यह फैसला WazirX पर फ्रीज हुए XRP टोकन मामले से जुड़ा था और अब निवेशकों के लिए नए कानूनी अधिकार और सुरक्षा के द्वार खोलता है।
कानूनी मान्यता का महत्व
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टो संपत्तियों को अन्य संपत्तियों की तरह रखा, इस्तेमाल किया और ट्रस्ट में सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे निवेशक अब केवल प्लेटफॉर्म यूजर नहीं बल्कि कानूनी मालिक (legal owners) बन गए हैं। इससे भारत में क्रिप्टो निवेशकों के स्वामित्व अधिकार और लागू करने योग्य कानूनी दावे (enforceable claims) सुरक्षित होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला भारत को यूके और सिंगापुर जैसे देशों की तरह ले जाता है, जहां बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो पहले से ही संपत्ति के रूप में माने जाते हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र उन लेन-देन पर भी लागू होगा जो भारत से एक्सेस किए गए हों, भले ही एक्सचेंज विदेश में रजिस्टर्ड हो।
निवेशकों के लिए मुख्य फायदे
स्वामित्व और ट्रस्ट अधिकार: अब निवेशक कानूनी रूप से स्वामी बन गए हैं और ट्रस्ट में रखी क्रिप्टो संपत्तियों पर दावा कर सकते हैं।
मजबूत कानूनी उपाय: एक्सचेंज द्वारा फंड फ्रीज या दुरुपयोग की स्थिति में न्यायालय से इंजंक्शन और रिटर्न ऑफ़ होल्डिंग्स की मांग की जा सकती है।
दिवालियापन में सुरक्षा: ट्रस्ट में रखी गई क्रिप्टो संपत्तियां कंपनी की लिक्विडेशन प्रक्रिया से अलग रहेंगी।
स्पष्ट टैक्स व्यवस्था: वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 30% टैक्स और 1% टीडीएस लागू रहेगा, साथ ही अब स्वामित्व अधिकार स्पष्ट हैं।
अदालत का आदेश और निवेशक सुरक्षा
मद्रास हाई कोर्ट ने WazirX को निर्देश दिया कि वह निवेशक के XRP टोकन की कीमत एस्क्रो खाते में जमा करे जब तक मध्यस्थता पूरी नहीं होती। इससे यह दिखाया गया कि अदालतें अब निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा रही हैं।
आगे की राह: नीति सुधार की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करता है, लेकिन भारत को क्रिप्टो को केवल संपत्ति मानने से आगे बढ़ना होगा और इसे तकनीकी इनोवेशन के रूप में अपनाना होगा। इस न्यायिक आधार से निवेशक सुरक्षा और जवाबदेही का नया ढांचा तैयार होगा।









