झारखंड- 1984 चिकित्सा अधिकारियों की सीनियरिटी लिस्ट हुई जारी, 30 नवंबर तक मिला दावा आपत्ति का वक्त, देवघर के सीएस सीनियरिटी में पहले नंबर पर…

Jharkhand: Seniority list of 1984 medical officers released; deadline for filing claims and objections extended until November 30; Deoghar's CS ranks first in seniority.

रांची। स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड के 1984 चिकित्सा पदाधिकारियों की औपबंधिक वरीयता सूची जारी कर दी है। अब इस सीनयरिटी लिस्ट के आधार पर डाक्टर्स दावा आपत्ति करेंगे। सूची में देवघर के सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी पहले स्थान पर हैं। 30 नवंबर 2025 तक डाक्टरों को दावा आपत्ति का वक्त दिया गया है।

 

इस सूची में कुल 1,984 चिकित्सा अधिकारियों को शामिल किया गया है। स्वास्थ्य प्रशासन में यह सूची बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसके आधार पर चिकित्सकों की सेवा व पदस्थापन से संबंधित कई आवश्यक निर्णय लिए जाते हैं।जारी सूची में देवघर के सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं, राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य प्रशासनिक पदों में शामिल निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सिद्धार्थ सान्याल वरीयता क्रम में छठे स्थान पर हैं।

 

सूची में दूसरे स्थान पर दुमका के क्षेत्रीय उप निदेशक डॉ. सीके शाही, तीसरे स्थान पर रिम्स में पदस्थापित डॉ. सुदिप्ता रे, चौथे पर हजारीबाग के डीआरसीएचओ तथा पांचवें स्थान पर स्वास्थ्य निदेशालय में कार्यरत डॉ. शशि प्रकाश शर्मा शामिल हैं।इस वरीयता सूची का जारी होना स्वास्थ्य विभाग में चल रहे मानव संसाधन प्रबंधन और तैनाती प्रक्रिया में एक बड़ी प्रशासनिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

 

सूची के प्रकाशन के साथ ही विभाग ने सभी सम्मिलित चिकित्सा पदाधिकारियों से 30 नवंबर 2025 तक अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर प्रदान किया है। यदि किसी भी अधिकारी को अपने वरीयता स्थान, सेवा अभिलेख, तिथि, अनुभव या अन्य किसी तथ्य को लेकर आपत्ति है, तो वह साक्ष्य सहित संबंधित विभाग को प्रस्तुत कर सकता है।

 

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व पश्चिम सिंहभूम में हुए थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के गंभीर मामले ने राज्य के स्वास्थ्य सिस्टम को झकझोर दिया था। उस मामले में निलंबित किए गए तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार मांझी को भी इस वरीयता सूची में शामिल किया गया है, और वे 96वें स्थान पर हैं।

 

स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, अस्पताल अधीक्षकों और संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि वे इस वरीयता सूची की सूचना अपने-अपने क्षेत्रों के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों तक तत्काल पहुंचाएं और उनकी आपत्तियां एकत्र कर विभाग को उपलब्ध कराएं।

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