आदिवासी बेटियों की हत्या: 15 दिन बाद भी पुलिस की जांच ठप, न्याय की आस में परिवार

Murder of tribal girls: Police investigation stalled even after 15 days, families hope for justice

आदिवासी बेटियों को कब न्याय मिलेगा. देवघर के समलापुर गांव में 2 आदिवासी लड़कियों की हत्या मामले में 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. देवघर जिले के मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के समलापुर गांव में दो आदिवासी किशोरियों की नृशंस हत्या के 15 दिन बाद भी पुलिस हत्यारों की  गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. इस मामले में परिजनों में भारी आक्रोश जाहिर किया है.

घटना के 14वें दिन, राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने गांव का दौरा किया और पुलिस को एक सप्ताह के भीतर मामले का खुलासा करने का निर्देश दिया.

गांव की दो किशोरी 10 अक्टूबर से लापता थीं. उनकी सड़ी-गली लाशें 17 अक्टूबर को गांव के पास केंदुआटांड़ बहियार के एक कुएं में मिली थीं. दोनों किशोरियों के हाथ बंधे हुए थे, जिससे हत्या की आशंका और पुख्ता हो गई.

सभी बिंदुओं पर हो रही जांच

परिजनों ने स्थानीय थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया है. देवघर के एसपी सौरभ ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है और केस दर्ज कर जांच की जा रही है.उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के कारण का खुलासा होगा और अन्य सभी बिंदुओं पर भी जांच जारी है.

मंत्री हफीजुल हसन के गांव पहुंचने के बाद स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच में तेजी लाई है. मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया जाए.

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी अपने सोशल मीडिया पर देवघर पुलिस के टैग करते हुए पोस्ट करके लिखा है कि देवघर जिले के मधुपुर प्रखंड स्थित मारगोमुण्डा थाना क्षेत्र में तकरीबन 15 दिन पहले दो संताल आदिवासी नाबालिग बच्चियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. उनका शव कुएं से बरामद किया गया था. दोनों मृत बच्चियों के परिजन हत्या की आशंका जाहिर कर कारवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उस दिशा में कारवाई नहीं कर रही.

पीड़ित परिजनों की मांग के अनुरूप सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कारवाई करें.

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