आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, मुख्य सचिवों ने मांगी माफी, जानिए आगे क्या होगा
Supreme Court takes a tough stand on stray dog issue, Chief Secretaries apologise, find out what will happen next

नई दिल्ली: Supreme Court on stray dogs मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान देश के अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त के आदेश के अनुपालन में हलफनामे दाखिल करने में देरी प्रशासनिक कारणों से हुई।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आगे से अदालत के आदेशों का पालन समय पर और पूरी गंभीरता से किया जाए, किसी भी तरह की देरी या लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि अधिकांश राज्यों ने अब Animal Birth Control (ABC) नियमों के अनुपालन से संबंधित हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 7 नवंबर 2025 तय की।
सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी कहा कि जल्द ही सरकारी दफ्तरों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य संस्थानों में कुत्तों को खाना खिलाने और आश्रय देने पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अदालत ने टिप्पणी की कि कई कर्मचारी दया के भाव में कुत्तों को खिलाते हैं, जिससे वे स्थायी रूप से वहीं रहने लगते हैं और इससे सुरक्षा खतरे बढ़ जाते हैं।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे “संस्थागत खतरों” को रोकने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक दिशा-निर्देश (Standard Guidelines) जरूरी हैं। न्यायालय का उद्देश्य यह है कि पशु कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन कायम रहे और कानून के प्रावधानों का सख्ती से पालन हो।









