बड़ी खबर : 30 नवंबर को रेलवे ट्रैक होगा ठप….. झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा व असम में जोरदार प्रदर्शन की तैयारी…जानिये क्या है मांग

रांची। सरना धर्म कोड का मामला गरमा गया है। धरना प्रदर्शन के साथ ही अब मामला बड़े प्रदर्शन की तरफ बढ़ता जा रहा है। आदिवासियों के लिए जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर रांची में आदिवासी सेंगेल अभियान ने धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान चेतावनी दी गयी कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो 30 नवंबर को आदिवासी समुदाय के लोग झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम में रेलवे ट्रैक जाम करेंगे। इससे पहले सरना धर्म कोड की मान्यता को लेकर 20 सितंबर को भुवनेश्वर और 30 सितंबर को कोलकाता में धरना-प्रदर्शन हो चुका है। चार नवंबर को गुवाहाटी में प्रदर्शन करने का निर्णय किया गया है।

इस दौरान बापू वाटिका में बड़ी संख्या में आदिवासियों ने इस कार्यक्रम में भागीदारी की। आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सह भाजपा के पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने दावा किया कि इस दौरान पांच राज्यों से आए आदिवासी समुदाय के लोगों की कार्यक्रम में भागीदारी रही। वहीं राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को मांग पत्र समर्पित किया गया। सालखन मुर्मू ने कहा कि हमें देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है। जनगणना में सरना धर्म कोड हमारी धार्मिक आजादी होगी। यह हमारा संवैधानिक व मौलिक अधिकार भी है।

उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए प्रकृति पालनहार है, ईश्वर है। हमारे पूजा-पाठ, सोच संस्कार, रीति रिवाज, पर्व त्योहार प्रकृति के साथ अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। हम मूर्ति पूजक नहीं हैं। हमारे बीच वर्ण व्यवस्था और स्वर्ग- नरक आदि की अवधारणा भी नहीं है। देश में अनुच्छेद -25 के तहत अविलंब धार्मिक आजादी मिले।

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