दीप ज्योति परम् ज्योति: दिवाली की रात इस मंत्र से करें दीप आराधना…दूर होंगे सारे दोष…
आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगी दीपावली की यह साधना

दीप ज्योति परम् ज्योति: दिवाली की रात इस मंत्र से करें दीप आराधना…दूर होंगे सारे दोष…
आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगी दीपावली की यह साधना
दिवाली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव है। इस रात जब आप घर के हर कोने में दीप जलाते हैं, तो वह केवल रोशनी नहीं फैलाते — बल्कि जीवन में शुभता, समृद्धि और शांति का आह्वान करते हैं। मान्यता है कि दीपक की ज्योति में परमात्मा का स्वरूप निवास करता है। इसीलिए दीप जलाते समय यदि आप दीप मंत्र का उच्चारण करें, तो यह साधना अत्यंत फलदायी होती है।
दीपक जलाते समय करें यह मंत्रोच्चार
दीपज्योतिः परम् ज्योति, दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं, दीपज्योतिर्नमोस्तुते॥
शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धनसंपदा।
द्वेषबुद्धिविनाशाय, दीपज्योतिर्नमोस्तुते॥
आत्मज्योति प्रदीपाय, गुरुज्योति नमोस्तुते॥
यह मंत्र दर्शाता है कि दीपक की ज्योति केवल प्रकाश नहीं, बल्कि परब्रह्म जनार्दन का स्वरूप है। यह समस्त पापों का नाश करने वाली, शुभता, स्वास्थ्य और धन देने वाली ज्योति है।
दीपक जलाने का सही तरीका
दीपक को सीधे जमीन पर न रखें, पहले गेहूं, चावल या जौ की ढेरी बनाकर उस पर रखें।
दीपक साफ और बिना टूटा हुआ होना चाहिए।
अखंड दीपक जलाना अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
दीपक जलाते समय माता लक्ष्मी का ध्यान करें और घर के मुख्य द्वार पर दीप अवश्य जलाएं।
दिव्य ज्योति का रहस्य
“अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः।
ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम्॥”
यह श्लोक बताता है कि जो प्रकाश हमारे भीतर है, वही बाहर भी व्याप्त है। यह एक ही दिव्य स्रोत से निकला प्रकाश है — वही परमात्मा है, वही शिव है।
दिवाली की रात जब दीप जलाएं, तो केवल घर नहीं, आत्मा में भी प्रकाश जगाएं।
यह दीपक आपके जीवन से अंधकार दूर करे और सुख-समृद्धि का प्रकाश फैलाए।