धनतेरस से भाईदूज तक दिवाली के 5 दिनों में कितने दीए जलाने चाहिए? जानें पूरा नियम और न जलाएंगे तो क्या होगा!
How many diyas should you light during the five days of Diwali, from Dhanteras to Bhai Dooj? Learn the complete rules and what will happen if you don't!

धनतेरस से भाईदूज तक: दिवाली के 5 दिन और दीए जलाने का महत्व
दिवाली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस, छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी), बड़ी दिवाली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज पर मनाया जाता है। इन दिनों घर में दीए जलाना बहुत शुभ माना जाता है, जो सुख-समृद्धि, खुशहाली और पॉजिटिविटी लाने में मदद करता है।
1. धनतेरस:
धनतेरस के दिन 13 दीए जलाना शुभ होता है। इन्हें घर के मुख्य द्वार, रसोई और पूजा स्थल पर लगाएं। यह घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
2. छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी):
इस दिन 14 दीए जलाना शुभ माना जाता है। साथ ही दीए के तेल या घी में थोड़ा मीठा डालने से जीवन में मिठास और खुशहाली बनी रहती है।
3. बड़ी दिवाली (लक्ष्मी पूजन):
लक्ष्मी पूजन वाले दिन कम से कम 21 दीए जलाएं। घर के आंगन और पूजा स्थल में दीए जलाने से माता लक्ष्मी का स्वागत होता है।
4. गोवर्धन पूजा:
इस दिन 7 दीए जलाना शुभ है। इन्हें आंगन, रसोई और पूजा घर में रखें। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहती है।
5. भाई दूज:
भाई दूज के दिन 5 दीए जलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह घर में नेगेटिविटी को दूर करता है और भाई-बहन के संबंधों में मधुरता बनाए रखता है।
हर दीए का महत्व:
दीए को घर के मुख्य द्वार, रसोई, पूजा घर, खिड़की, कोने और आंगन में जलाना चाहिए। यह न केवल घर में सुख-समृद्धि लाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली भी बढ़ाता है।