Health: धीरे-धीरे मर रहा है शरीर…और आप सोच रहे हैं बस खा रहे हैं स्नैक्स…जानिए कैसे ‘मैदा’ बन चुका है आपका रोज़ाना का ज़हर…

Health: पिज्जा, बर्गर, ब्रेड, बिस्किट या समोसा—इन सबका स्वाद भले ही मन लुभा ले, लेकिन इनके पीछे छिपा एक ऐसा ज़हर है जो रोज़ाना आपके शरीर में उतर रहा है — मैदा। विशेषज्ञों के मुताबिक, मैदा अब सिर्फ एक आटा नहीं, बल्कि धीरे-धीरे असर करने वाला ‘स्लो पॉइजन’ बन चुका है, जो आपके शरीर की हर प्रणाली को अंदर से कमजोर कर रहा है।

कैसे बनता है ज़हर जैसा मैदा

मैदा गेहूं के दानों से ब्रान (चोकर) और जर्म (अंकुर) को अलग करके तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में उसके सारे पौष्टिक तत्व—विटामिन, खनिज और फाइबर—नष्ट हो जाते हैं। इतना ही नहीं, इसे चमकदार और सफेद दिखाने के लिए इसमें ब्लीचिंग एजेंट जैसे बेंज़ोयल पेरोक्साइड और क्लोरीन गैस मिलाई जाती है, जो सीधे-सीधे शरीर में ज़हरीले रसायन पहुंचाती हैं।

आंतों में बनती ‘गोंद’ जैसी परत

मैदा शरीर में जाकर पाचन तंत्र पर भारी पड़ता है। यह आंतों में गोंद जैसी परत बनाता है, जिससे कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट फूलने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

Health:धीरे-धीरे बढ़ती मोटापा और दिल की बीमारियां

मैदे में मौजूद रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में चर्बी जमाने का काम करते हैं, खासकर पेट और कमर के आस-पास। इससे मोटापामेटाबॉलिक सिंड्रोम, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शोध बताते हैं कि जो लोग रोजाना रिफाइंड आटे से बने पदार्थ खाते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा 30% ज्यादा होता है।

Health:आयुर्वेद भी देता है चेतावनी

आयुर्वेद के अनुसार, मैदा ‘अम्लकारक’ और ‘गुरु’ होता है, जो पाचन अग्नि को मंद करता है और शरीर में आम यानी विषैले तत्वों का निर्माण करता है। यह कफ दोष को बढ़ाता है, जिससे मधुमेह, मोटापा और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियां पनपती हैं।

Health:क्या है सेहतमंद विकल्प

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मैदे की जगह साबुत गेहूं का आटामल्टीग्रेनजौजईबेसन या मक्के का आटा अपनाना बेहतर है। इनमें फाइबर, प्रोटीन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को मजबूती देने के साथ बीमारियों से बचाते हैं।

Related Articles