मच्छर ने ले ली इंस्पेक्टर की जान: अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम, पुलिस महकमे में शोक की लहर

Police Insepector Death : इंस्पेक्टर रुपक कुमार अंबुज की इलाज के दौरान मौत हो गयी। यंग पुलिस इंस्पेक्टर की मौत ने पुलिस महकमे को सदमे में डाल दिया है। इंस्पेक्टर रूपक कुमार अंबुज का शुक्रवार को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे करीब एक महीने से डेंगू से पीड़ित थे और जीवन-रक्षक प्रणाली पर इलाज चल रहा था। उनकी मौत पुलिस विभाग के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है।
रूपक अंबुज पहले फतुहा थाना, पटना के थानाध्यक्ष रह चुके थे। पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में वे डेंगू की चपेट में आए थे। शुरुआत में पटना में उनका इलाज चला, लेकिन स्थिति लगातार बिगड़ती गई। हालत गंभीर होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया, जहां गंगाराम अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज हुआ।
एक महीने तक रही जिंदगी और मौत की जंग
करीब एक महीने तक इंस्पेक्टर अंबुज ICU में भर्ती रहे और जीवन-रक्षक प्रणाली (लाइफ सपोर्ट) पर उनका इलाज चलता रहा। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ी और वे जिंदगी की जंग हार गए।उनकी मौत से बिहार पुलिस परिवार में शोक की गहरी छाया है। ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने कहा, “बिहार पुलिस ने अपने एक काबिल और ईमानदार अधिकारी को खो दिया है। रूपक अंबुज की मौत पुलिस विभाग के लिए बड़ी क्षति है।”
विभाग ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए पहले ही फतुहा थाने में नए थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर सदानंद साह को सौंप दी थी। वहीं, उनकी अनुपस्थिति में एसआई विनोद कुमार को सहायक थानाध्यक्ष का प्रभार दिया गया था।
कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे
इंस्पेक्टर रूपक अंबुज को उनके सहकर्मी एक ईमानदार, निडर और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में जानते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम मामलों की जांच की और अपनी निष्पक्ष छवि बनाई। पुलिस महकमे के अधिकारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक ने उनके निधन पर दुख जताया और इसे अपूरणीय क्षति बताया।इंस्पेक्टर अंबुज की मौत ने एक बार फिर डेंगू के बढ़ते खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार सावधानी बरतने की अपील कर रहा है, लेकिन हालात चिंताजनक बने हुए हैं।