झारखंड के स्कूलों के 100 मीटर एरिया में रहेगी कड़ी निगरानी, शिक्षकों व स्कूल कर्मचारियों पर भी रखी जायेगी नजर, शिक्षा सचिव ने सभी डीसी-एसपी को जारी किया निर्देश…

There will be strict surveillance within the 100-meter area of schools in Jharkhand, teachers and school staff will also be monitored, the Education Secretary has issued instructions to all DCs and SPs...

रांची। झारखंड में स्कूलों से जुड़ी एक बड़ी खबर है। झारखंड सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये। शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने इस आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को दिया है।

 

पत्र में साफ कहा गया है कि उल्लंघन करने पर 1000 रुपये का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी जिलों के उपायुक्तों, वरीय पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की 100 मीटर परिधि में तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो।

 

झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि इस प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFI) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए त्रिस्तरीय धावादल बनाकर अभियान चलाया जाए।उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जून 2025 में स्वीकृत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 का हवाला देते हुए कहा कि अब यह कानून लागू हो चुका है।

 

इसके तहत स्कूल, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक भवनों की 100 मीटर परिधि में तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय अपराध है। इस उल्लंघन पर अब 200 रुपये की बजाय 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।संशोधित अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष से कम आयु के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया गया है।

 

स्कूलों में शिक्षकों पर भी निगरानी

शिक्षा सचिव ने पूर्व में जारी मार्गदर्शिका का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षकों और स्कूल स्टाफ द्वारा तंबाकू सेवन पर भी रोक लगाई गई है। स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि परिसर में कोई भी कर्मचारी या शिक्षक तंबाकू का उपयोग न करें। इसके कार्यान्वयन में सोशियो-इकोनॉमिक एंड एजुकेशन डेवलपमेंट सोसाइटी (SEEDS) का तकनीकी सहयोग लिया जा सकता है।स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अनुसार, राज्य में 13 से 15 वर्ष के 5.1 प्रतिशत छात्र तंबाकू का सेवन कर रहे हैं।

 

चिंताजनक तथ्य यह है कि तंबाकू सेवन करने वाले 55 प्रतिशत लोग इसकी शुरुआत 20 वर्ष से पहले कर देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता बच्चों और किशोरों को इसकी ओर आकर्षित करती है।

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