झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अनारक्षित श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी संशोधित रिजल्ट से बाहर, JSSC से जवाब तलब – जानिए क्या है पूरा मामला और आगे क्या होगा
Jharkhand High Court issues major decision: Candidates selected in unreserved category excluded from revised result

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को सहायक शिक्षक (कक्षा 1–5) नियुक्ति परीक्षा के संशोधित परिणाम को लेकर अहम सुनवाई हुई। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) से कई गंभीर सवाल पूछे, खासकर उन अभ्यर्थियों के बारे में जिन्हें प्रारंभिक परिणाम में अनारक्षित श्रेणी से चयनित किया गया था।
याचिका सुदामा कुमार द्वारा दाखिल की गई थी। उनके अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया कि प्रारंभिक परिणाम में सुदामा का नाम अनारक्षित श्रेणी में सफल घोषित किया गया था। उन्हें काउंसिलिंग और जिला आवंटन भी मिल चुका था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए गए संशोधित परिणाम में उनका नाम गायब कर दिया गया।
कोर्ट ने JSSC से पूछा कि आखिर किन कारणों से प्रारंभिक रूप से चयनित अभ्यर्थी को संशोधित परिणाम से बाहर किया गया। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि वह सुदामा कुमार का प्राप्तांक (Marks) और बीसी-2 श्रेणी में अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों का कटऑफ मार्क्स रिपोर्ट के रूप में पेश करे।
अदालत ने इस मामले में तीन सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस प्रक्रिया में न तो उन्हें अनारक्षित श्रेणी का लाभ मिला और न ही बीसी-2 श्रेणी में चयनित माना गया।
झारखंड हाईकोर्ट का यह कदम JSSC की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और अभ्यर्थियों के अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।