झारखंड : सालों तक टूटा रहा परिवार फिर से जुड़ा, सगुप्ता और फिरोज ने बच्चों के लिए थामा एक-दूसरे का हाथ

Jharkhand: A family that had been broken for years reunited, Sagupta and Firoz held hands for their children.

रांची। सालों से चले आ रहे पारिवारिक विवाद का आखिरकार सुखद अंत हुआ। पिछले चार सालों से सगुप्ता आफरीन और उनके पति फिरोज अंसारी अलग अलग रह रहे थे, अब अपने दोनों बच्चों के साथ फिर से एक हो गए हैं। यह मामला रांची सिविल कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में वाद संख्या 457/2023 के तहत चल रहा था। मध्यस्थता के सफल प्रयासों से पति-पत्नी ने अपने पुराने मतभेद भुलाने और अपने बच्चों के भविष्य को संवारने का संकल्प लिया।

 

कुटुंब न्यायालय-2 के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह की अदालत से मध्यस्थता केंद्र भेजा गया था। अधिवक्ता मध्यस्थ अमरेंद्र कुमार ओझा, प्रथम पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रिंस कश्यप और द्वितीय पक्ष की ओर से अधिवक्ता पप्पू कुमार ने संयुक्त रूप से कई दौर की बैठकों में दोनों पक्षों को समझाया। अंततः 3-4 सिटिंग के बाद दंपती ने साथ रहने का निर्णय लिया।

 

 

सगुप्ता आफरीन ने अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण का वाद दायर किया था। लेकिन मध्यस्थता के दौरान दोनों ने महसूस किया कि अलगाव से सबसे ज्यादा नुकसान उनके बच्चों का हो रहा है। दंपती ने एक-दूसरे की जरूरतों और भावनाओं को समझने का फैसला किया। उन्होंने संकल्प लिया कि अब वे एक-दूसरे और एक-दूसरे के परिवार का सम्मान करेंगे।

 

बच्चों के भविष्य पर होगा ध्यान

दोनों को एक बेटा और एक बेटी है। दंपती ने स्पष्ट कहा कि वे अब अपना पूरा ध्यान बच्चों की परवरिश और उनके उज्ज्वल भविष्य पर लगाएंगे। उनका मानना है कि परिवार का साथ बच्चों के मानसिक विकास के लिए जरूरी है।जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के सचिव रवि कुमार भास्कर ने इस सुलह को सराहते हुए दंपती को बुके देकर बधाई दी।

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