झारखंड में ये क्या हो रहा है? मृत व्यक्ति को जिंदा करने अस्पताल की बेड पर ही शुरू हो गया झाड़ फूंक, अस्पताल प्रबंधन ने दिये जांच के आदेश

What is happening in Jharkhand? Exorcism started on the hospital bed to revive a dead person, hospital management ordered an inquiry

Jharkhand News : अस्पताल में उस वक्त असहज स्थिति बन गयी, जब मृत व्यक्ति को जिंदा करने के लिए बेड पर ही झाड़ फूंक शुरू हो गया। घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया। आनन-फानन में पुलिस को मौके पर बुलाया गया। अब इस मामले में अस्तपाल प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिये हैं। पूरा मामला पलामू जिले के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का है।

 

दरअसल सांप के काटने से मृत युवक को जिंदा करने के लिए एक महिला ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बेड पर ही करीब 10 मिनट तक झाड़-फूंक की। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को वहां से हटाकर पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

 

जानकारी के अनुसार हैदरनगर प्रखंड के पतरिया गांव निवासी 18 वर्षीय अजय कुमार को सांप ने काट लिया था। परिजन उसे इलाज के लिए एमएमसीएच लाए, जहां इलाज के दौरान मंगलवार दोपहर बाद उसकी मौत हो गई।अजय कुमार की मौत के बाद अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उसके बेड के बगल में भर्ती एक महिला मरीज के साथ आई सुमित्रा देवी नामक महिला ने मृतक को जिंदा करने के लिए झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया।

 

चश्मदीदों के अनुसार सुमित्रा देवी ने करीब 10 मिनट तक लगातार मृतक पर कुछ मंत्र पढ़ते हुए झाड़-फूंक की।घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकल कॉलेज के टीओपी चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर झाड़-फूंक कर रही महिला को वहां से हटाया और पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। इस घटना के बाद अस्पताल के स्टाफ और अन्य मरीजों में भी दहशत का माहौल बन गया।

 

अस्पताल प्रबंधन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी-वेनम उपलब्ध है और समय पर उपचार करने से सर्पदंश के अधिकांश मरीजों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अंधविश्वास का सहारा न लें क्योंकि इससे कीमती समय नष्ट होता है और मरीज की जान को और अधिक खतरा हो सकता है।

 

अस्पताल प्रशासन ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता बढ़ाने का आश्वासन दिया है। प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी तरह के अंधविश्वासी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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