…अब कैंसर जानलेवा नहीं : कैंसर की वैक्सीन ट्रायल में 100% सफल, mRNA तकनीक से बनी वैक्सीन कैंसर को कर देगी खत्म, कीमो-रेडिएशन की नहीं होगी जरूरत
...Now cancer is not fatal: Cancer vaccine trial is 100% successful, vaccine made from mRNA technology will cure cancer, there will be no need for chemo-radiation

Cancer Injection : कैंसर दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है। भारत में तो हर 9वें-10वें व्यक्ति को कैंसर का खतरा है। इसी बीच रूस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए mRNA तकनीक पर आधारित कैंसर वैक्सीन EnteroMix तैयार करने का दावा किया है। शुरुआती ट्रायल में यह 100% सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई है। स्पेशलिस्ट इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी क्रांति मान रहे हैं।
भारत में कैंसर की स्थिति बेहद खराब
दरअसल कैंसर के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर 9वें और 10वें शख्स को जिंदगी में कैंसर का खतरा है। सिर्फ 2024 में ही देश में करीब 16 लाख नए केस सामने आए और 9 लाख लोगों की जान इस बीमारी से गई। यह स्थिति बेहद गंभीर है और इसका इलाज मेडिकल साइंस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
रूस की वैक्सीन से उम्मीद
ऐसे समय में रूस से एक बड़ी खुशखबरी आई है। वहां के वैज्ञानिकों ने EnteroMix नामक वैक्सीन तैयार की है, जो mRNA तकनीक पर आधारित है। शुरुआती फेज-1 ट्रायल में यह वैक्सीन पूरी तरह सफल रही। मरीजों को किसी तरह का गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं हुआ, बल्कि ट्यूमर सिकुड़ने लगे या उनकी वृद्धि धीमी हो गई। विशेषज्ञ इसे मेडिकल साइंस की बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।
कैसे काम करती है mRNA तकनीक?
क्लिनिकल डायरेक्टर और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉक्टर मोहित शर्मा बताते हैं कि इस वैक्सीन में mRNA मॉलिक्यूल दिए जाते हैं, जो शरीर की सेल्स को विशेष प्रोटीन बनाने का निर्देश देते हैं। ये प्रोटीन कैंसर सेल्स की पहचान कर इम्यून सिस्टम को उन्हें नष्ट करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि यह वैक्सीन हर मरीज के ट्यूमर की जेनेटिक प्रोफाइलिंग के आधार पर व्यक्तिगत रूप से तैयार की जाती है। यानी यह खास तौर पर उसी मरीज के कैंसर सेल्स पर अटैक करती है।
कोविड वैक्सीन जैसी लेकिन और मजबूत
यह तकनीक कोविड-19 की mRNA वैक्सीन जैसी है, जिसने शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता दी थी। फर्क सिर्फ इतना है कि EnteroMix कैंसर सेल्स पर केंद्रित है और इसे और ज्यादा व्यक्तिगत रूप से डिजाइन किया गया है। इससे मरीजों को कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसी पारंपरिक थैरेपी की तुलना में बहुत कम साइड-इफेक्ट झेलने पड़ेंगे।
कीमो और रेडिएशन से असरदार होगी वैक्सीन
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैक्सीन कैंसर उपचार की दिशा में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। फेज-1 ट्रायल सफल रहने के बाद अब इसे बड़े पैमाने पर फेज-2 और फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल में टेस्ट किया जाएगा। अगर यह वहां भी सफल होती है, तो कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं रहेगी।mRNA प्लेटफॉर्म बहुत तेजी से काम करता है। इसके अलावा, पारंपरिक कैंसर उपचार जैसे कीमो या रेडिएशन की तुलना में इसके साइड-इफेक्ट बहुत कम होते हैं। इस तकनीक से विकसित की जाने वाली वैक्सीन से मरीज को बेहतर आराम और अच्छी लाइफ क्वालिटी मिल सकती है।
भारत के लिए उम्मीद की किरण
भारत जैसे देश में, जहां कैंसर तेजी से फैल रहा है और उपचार की लागत भी अधिक है, यह वैक्सीन मरीजों के लिए नई उम्मीद बन सकती है। अभी इसका फोकस कोलोरेक्टल कैंसर, ग्लियोब्लास्टोमा (ब्रेन कैंसर) और ऑक्यूलर मेलेनोमा (आंख का कैंसर) पर है। आने वाले समय में इसका उपयोग अन्य प्रकार के कैंसर के लिए भी किया जा सकेगा।








