….तो क्या रिम्स-2 रांची से हो सकता है शिफ्ट? विरोध रहा जारी तो रांची के बजाय इस जगह बन सकता है अत्याधुनिक अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, स्वास्थ्य को ….
....So can RIMS-2 be shifted from Ranchi? If the protest continues, a state-of-the-art hospital can be built at this place instead of Ranchi, the Health Minister said, health ....

रांची। झारखंड का रिम्स 2 बनने से पहले ही विवादों में घिरता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अब इस मामले में बड़े संकेत दिये है। उन्होंने कहा है कि यदि भाजपा इस महत्वाकांक्षी योजना का विरोध करती रही, तो सरकार इसे रांची के बजाय संथाल परगना में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है। अंसारी ने साफ किया कि विपक्ष की राजनीति के बावजूद सरकार झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इरफान अंसारी ने कहा कि रांची में बनने जा रहे रिम्स-2 को लेकर भाजपा लगातार विरोध कर रही है। ऐसे में सरकार इस प्रोजेक्ट को संथाल परगना शिफ्ट करने पर भी विचार कर सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह परियोजना झारखंड के लोगों के लिए है और राजनीतिक विवाद इसकी गति को रोक नहीं पाएंगे।
“स्वास्थ्य को राजनीति से अलग रखिए”
मंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय को भी राजनीति का मुद्दा बना रही है। उन्होंने कहा—
“बहुत मुश्किल से हम निवेशकों और विशेषज्ञ डॉक्टरों को झारखंड लाने के लिए तैयार करते हैं। लेकिन भाजपा विकास को देखना तो दूर, रोकने का हर संभव प्रयास करती है। स्वास्थ्य को राजनीति से अलग रखिए, क्योंकि इसका नुकसान जनता को उठाना पड़ता है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में एक किडनी हॉस्पिटल के सीईओ ने उनसे कहा कि अगर विवाद और राजनीति जारी रही, तो वे राज्य में निवेश नहीं करेंगे। अंसारी ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंता का विषय है क्योंकि इससे आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इलाज से वंचित होना पड़ सकता है।
विपक्ष को सीधी चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने साफ कहा कि वे विपक्ष की परवाह किए बिना स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलकर रहेंगे। “चैलेंज का दूसरा नाम है इरफान अंसारी। बदलाव का दूसरा नाम है इरफान अंसारी। विपक्ष राजनीति करता रहे, लेकिन मैं सेवा में विश्वास करता हूँ। मेरा मिशन है— स्वस्थ झारखंड, सशक्त झारखंड।”
उन्होंने भाजपा से अपील करते हुए कहा कि जब भी कोई निवेशक राज्य में आता है, तो उसे सहयोग मिलना चाहिए। क्योंकि अगर राजनीति के कारण निवेशक पीछे हटे, तो इसका खामियाजा सीधे जनता और उनके परिवारों को भुगतना पड़ेगा।
मंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों में उन्होंने झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं और यह सफर आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा—
“हम झारखंड में अत्याधुनिक अस्पताल बनाएंगे। हर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को सुलभ और किफायती इलाज मिलेगा। डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहतर कार्य-परिसर तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने वालों को सम्मान और सुरक्षा दी जाएगी।”









