गजब का मामला: जिस शिक्षक की सालों पहले हो गयी है मृत्यु, उसके खिलाफ दर्ज करा दिया FIR, कोरोना के दौरान गयी थी जान, लेकिन जांच टीम ने…
Amazing case: FIR lodged against a teacher who died years ago, he died during Corona, but the investigation team...

Teacher News : जिस शिक्षक की मृत्यु सालों पहले हो गयी थी, उनके खिलाफ अब जांच एजेंसी ने FIR दर्ज करा दी है। मामले का खुलासा होने के बाद परिजनों में आक्रोश है। वहीं शिक्षक संगठनों ने भी ऐसी कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं। मामला बिहार के बांका जिले का है। जहां शिक्षा विभाग और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की भारी लापरवाही सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक एक शिक्षक की 4 साल पहले हो चुकी मौत के बावजूद उन पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर केस दर्ज कर दिया गया। इस घटना ने न केवल मृतक शिक्षक के परिजनों को आहत किया है, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला मिर्जापुर पंचायत के सोनडीहा निवासी शिक्षक निरंजन कुमार का है।
वे प्राथमिक विद्यालय मेहरपुर में पदस्थापित थे और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उनकी मृत्यु की सूचना तत्काल शिक्षा विभाग को दी गई थी और परिजनों ने मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्रखंड संसाधन केंद्र (BRC) से लेकर जिला कार्यालय तक जमा किया था।इसके बावजूद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को यह सूचना नहीं मिली और हाल ही में उन्होंने मृतक शिक्षक के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट मामले में केस दर्ज कर दिया।
सर्टिफिकेट जांच में बचते रहे शिक्षक
यह खुलासा होते ही शिक्षा विभाग और निगरानी टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।जानकारी के मुताबिक, निरंजन कुमार लंबे समय तक विभागीय सर्टिफिकेट जांच प्रक्रिया में बचते रहे थे। जब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जांच की कमान संभाली, तब उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हुई।
इसमें उनका सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। हालांकि उनकी मौत 2021 में ही हो चुकी थी और विभाग को इसकी जानकारी दी जा चुकी थी। इस मामले ने एक बार फिर शिक्षा विभाग और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बड़ी लापरवाही पर क्या कदम उठाता है।
महिला शिक्षिका पर भी गिरी गाज
निगरानी जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ। प्राथमिक विद्यालय जगतापुर की शिक्षिका पल्लवी कुमारी का सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया। पल्लवी 2018 से ही लापता बताई जा रही हैं। इस मामले में निगरानी ब्यूरो ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, लेकिन बड़ी चूक यह रही कि मृत शिक्षक पर भी केस दर्ज कर दिया गया।
परिजनों का गुस्सा फूटा
मृतक शिक्षक के परिवारजनों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। पत्नी खुशबू कुमारी, बड़े भाई एवं प्रखंड के पूर्व प्रमुख जितेंद्र यादव और छोटे भाई मनीष कुमार ने कहा कि—
“हमने मृत्यु प्रमाण पत्र समय रहते जमा कर दिया था। इसके बावजूद निगरानी ब्यूरो ने यह गलती की। इससे हमारे परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है।”