IG पिता ने सिपाही को किया था बर्खास्त, अब बेटी ने उसी सिपाही को दिलवा दी दोबारा से वर्दी, जानिये 2023 का वो केस, जिसकी इन दिनों हो रही खूब चर्चा

The IG father had dismissed the constable, now the daughter got the uniform back for the same constable, know that case of 2023, which is being discussed a lot these days

Court News: चलती ट्रेन में एक छात्रा से छेड़खानी के आरोप में जीआरपी के जिस कांस्टेबल तौफीक अहमद को आईजी डॉ. राकेश सिंह ने बर्खास्त किया था, उसी सिपाही को अब आईजी राकेश सिंह की बेटी और पेशे से वकील अनुरा सिंह ने केस लड़कर नौकरी वापस दिला दी। कोर्ट से जुड़ी इस खबर की बहुत ही चर्चा है। अनुरा सिंह ने ही बर्खास्त कांस्टेबल तौफीक का केस लड़ा था।

 

 

सब लोग यही चर्चा कर रहे हैं कि पिता ने सस्पेंड किया और बेटी ने वापस नौकरी दिलवाई। हालांकि, छेड़खानी का मुकदमा कोर्ट में चलता रहेगा। आपको बता दें कि जीआरपी कॉन्सटेबल तौफीक पर लगा आरोप 13 जनवरी, 2023 का है। पीलीभीत की एक छात्रा ने जीआरपी जंक्शन थाने में तौफीक अहमद के खिलाफ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

 

 

 

पुलिस ने तौफीक पर पॉक्सो एक्ट भी लगाया था। इसके बाद जीआरपी ने तौफीक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। विभागीय जांच में भी तौफीक को दोषी पाया गया। तत्कालीन आईजी ने तौफीक को नौकरी से निकाल दिया था। तौफीक ने नौकरी से निकाले जाने के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। डॉ। राकेश सिंह की बेटी और वकील अनुरा सिंह ने कोर्ट में तौफीक की तरफ से केस लड़ा।

 

 

 

उन्होंने कोर्ट से तौफीक को नौकरी से निकालने का आदेश रद्द करने की मांग की। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद तौफीक को नौकरी से निकालने की कार्रवाई को गलत बताया। कोर्ट ने विभागीय जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने तौफीक को पुलिस सेवा में वापस लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि तौफीक को फिर से नौकरी पर रखा जाए।

 

 

अनुरा सिंह ने तौफीक का केस लड़कर उसे नौकरी वापस दिलवा दी है। लेकिन तौफीक के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा कोर्ट में चलता रहेगा। इस मामले में अभी और भी सुनवाई होनी बाकी है। कोर्ट यह तय करेगा कि तौफीक दोषी है या नहीं।

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