रामदेव का बड़ा दावा! एम्स और टाटा के साथ मिलकर पतंजलि देने वाला है ऐसा इलाज, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी

हरिद्वार: पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘अनामयम् अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ ने चिकित्सा जगत में एक नई हलचल पैदा कर दी है। सम्मेलन के दौरान योगगुरु स्वामी रामदेव ने एक ऐसा बड़ा ऐलान किया है जो भारत की पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान को नई दिशा दे सकता है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि जल्द ही एम्स, टाटा कैंसर संस्थान और सर गंगाराम हॉस्पिटल के सहयोग से पतंजलि आयुर्वेद चिकित्सालय में विश्वस्तरीय आधुनिक इलाज बेहद कम खर्च में उपलब्ध होगा। उनका कहना है कि चिकित्सा अब आमजन के लिए होगी—not for profit, but for public welfare.
चिकित्सा में समन्वय का वैश्विक मंच
इस सम्मेलन का आयोजन पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान, और केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। उद्देश्य था—आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के बीच समन्वय स्थापित करना।
देशभर से 300+ प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया, जिनमें नामी शोधकर्ता, चिकित्सा विशेषज्ञ, नीति निर्माता, और आयुष प्रौद्योगिकी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल थे।
पुस्तक विमोचन और MoU
उद्घाटन सत्र में तीन प्रमुख पुस्तकें—‘आयुर्वेद अवतरण’, ‘इंटीग्रेटेड पैथी’, और सम्मेलन की ‘सार पुस्तिका’ का विमोचन किया गया। साथ ही IIT रोपड़ और पतंजलि विश्वविद्यालय के बीच शोध एवं शिक्षा सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए।
चर्चाएं जो बनीं चर्चा का विषय
सम्मेलन में 9 प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों पर चर्चा हुई, जिसमें आयुर्वेद को सर्वाधिक प्रभावशाली और प्रमाणिक पद्धति बताया गया। आचार्य बालकृष्ण ने महर्षि चरक और सुश्रुत के कालखंड पर शास्त्रीय और भौगोलिक प्रमाणों के साथ व्याख्यान दिया।
समग्र नैदानिक सत्र में पेश हुए शोध
सीओपीडी, भगंदर, और रोग निवारण विधि जैसे जटिल विषयों पर देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञों ने शोध प्रस्तुत किए। इसमें एम्स ऋषिकेश, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय, और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी
सम्मेलन की शोभा बढ़ाई इन हस्तियों ने:
डॉ बीएन गंगाधर, अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
प्रो. श्रीनिवास बरखेडी, कुलपति, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय
डॉ विपिन कुमार, महासचिव, एकीकृत आयुष परिषद
डॉ विशाल मागो, एम्स ऋषिकेश
डॉ पुलक मुखर्जी, प्रोफेसर, जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता