Non-Veg Side Effects: स्वाद के चक्कर में न पड़ें, रोज़ाना नॉन-वेज खाना पड़ सकता है भारी!

Non-Veg Side Effects:भारत में नॉन-वेज खाने वालों की संख्या करोड़ों में है। चिकन, मटन, फिश या एग—हर किसी का कोई न कोई फेवरेट डिश होता है। खासकर जब सामने तंदूरी चिकन, मटन बिरयानी या कबाब की प्लेट हो, तो सब्र करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना मांस का सेवन आपकी सेहत पर धीरे-धीरे गहरा असर डाल सकता है? गैस्ट्रो एक्सपर्ट डॉ. नवनीत कालरा की मानें तो बिना ब्रेक नॉन-वेज खाने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
Non-Veg Side Effects:पाचन तंत्र पर असर:
मांस को पचाना आसान नहीं होता। यह पेट पर अधिक दबाव डालता है, जिससे गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। अगर आप रोज मांस खाते हैं और फाइबर या हरी सब्जियां नहीं लेते, तो ये परेशानियां आम हो जाती हैं।
Non-Veg Side Effects:कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग:
लाल मांस (रेड मीट) में सैचुरेटेड फैट अधिक होता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह सीधा असर दिल पर डालता है और हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
Non-Veg Side Effects:गुर्दे पर बोझ:
प्रोटीन की अधिकता से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है, जिससे किडनी पर दबाव पड़ता है। लंबे समय में यह किडनी स्टोन या फेलियर जैसी घातक बीमारियों का रूप ले सकता है।
Non-Veg Side Effects:गैस्ट्रिक और एसिडिटी की समस्या:
रोज़ नॉन-वेज खाने से पेट में एसिड बनता है, जिससे सीने में जलन, खट्टी डकारें और पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं। यह आगे चलकर अल्सर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है।
Non-Veg Side Effects:कैंसर का खतरा:
रिसर्च के मुताबिक, प्रोसेस्ड या रेड मीट का अधिक सेवन कोलन (आंत) के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर जब मांस डीप फ्राई या ओवरकुक किया गया हो।
Non-Veg Side Effects:वजन और मेटाबॉलिक समस्याएं:
रोज़ाना मांस खाने से शरीर में फैट और कैलोरी का इनटेक बढ़ता है। इससे मोटापा, थकावट और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
Non-Veg Side Effects:क्या है समाधान?
डॉक्टरों की सलाह है कि नॉन-वेज का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। सप्ताह में 2-3 बार ही खाएं और साथ में फाइबर, हरी सब्जियां और पर्याप्त पानी जरूर लें। याद रखें, स्वाद जरूरी है लेकिन सेहत उससे भी ज्यादा।