1000 साल बाद लौटी गूंज! गंगईकोंडा चोलपुरम में पीएम मोदी की मौजूदगी से इतिहास फिर जीवंत

तमिलनाडु/अरियालुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के ऐतिहासिक गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में पूजा-अर्चना कर इतिहास के एक गौरवशाली अध्याय को फिर से जीवंत कर दिया। यह अवसर था — महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती का, जिन्होंने दक्षिण भारत से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक भारत का परचम फहराया था।

 प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक भक्ति यात्रा:
पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से अरियालुर पहुंचे और गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में वैदिक और शैव मंत्रोच्चार के बीच पूजा की। उन्होंने गंगा जल से भरे सजाए गए कलश के साथ मंदिर की परिक्रमा की और श्रद्धा भाव से पूजा की। धोती, सफेद शर्ट और अंगवस्त्र में उनका पारंपरिक स्वरूप भक्तों को भाव-विभोर कर गया।

 राजेंद्र चोल को दी श्रद्धांजलि:
प्रधानमंत्री ने सम्राट राजेंद्र चोल को “तमिलनाडु ही नहीं, भारत की सामरिक शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक” बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि चोल सम्राट का शासन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय रहा है।

 सांस्कृतिक विरासत का अवलोकन:
पीएम मोदी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आयोजित चोल कालीन शैव धर्म और वास्तुकला पर आधारित प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह आज भी तमिल संस्कृति, कला और स्थापत्य का भव्य प्रतीक बना हुआ है।

 इस ऐतिहासिक समारोह में ये नेता भी रहे मौजूद:
इस विशेष अवसर पर पीएम मोदी के साथ राज्यपाल आर. एन. रविकेंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, और डॉ. एल. मुरुगन भी मौजूद रहे।

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