झारखंड: …जानिये कौन हैं DSP विकास? जिनकी पढ़ाई ने 140 अभ्यर्थियों को बना दिया JPSC अफसर, “डीएसपी की पाठशाला” ने रच दिया इतिहास

Jharkhand: ...Know who is DSP Vikas? Whose studies made 140 candidates JPSC officers, "DSP ki Pathshala" created history

DSP Vikas Shrivastav : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 के नतीजे सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं कहते, बल्कि यह उन लोगों की प्रेरक गाथा बयां करते हैं जिन्होंने संघर्ष से सफलता तक का सफर तय किया। इन कहानियों में सबसे प्रेरक नाम है – डीएसपी विकास श्रीवास्तव। झारखंड पुलिस सेवा में एक तेजतर्रार डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) के रूप में कार्यरत विकास श्रीवास्तव ने ना सिर्फ खुद कठित हालात में JPSC क्रैक किया, बल्कि अब तक ना जाने अपने जैसे कितने अफसरों को सिविल सेवा में चयनित करा चुके हैं।

 

खुद तीन बार असफल हुए थे विकास श्रीवास्तव

विकास श्रीवास्तव का सफर भी काफी संघर्षों से भरा रहा है। वे खुद तीन बार असफलता का स्वाद चख चुके थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने जेपीएससी परीक्षा पास की और झारखंड पुलिस में डीएसपी बने। वे जानते थे कि उनके जैसे कई छात्र, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के, संसाधनों के अभाव में अपने सपनों को त्याग देते हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने एक नई पहल की शुरुआत की – “डीएसपी की पाठशाला”।

 

डीएसपी की पाठशाला: एक क्रांति की शुरुआत

कुछ वर्षों पहले विकास श्रीवास्तव ने निःशुल्क ऑनलाइन क्लासेस के रूप में “डीएसपी की पाठशाला” शुरू की। उनका मकसद था – कम संसाधनों वाले प्रतिभाशाली युवाओं को मार्गदर्शन देना। ये प्रयास धीरे-धीरे यह एक आंदोलन बन गया। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बाद उन्होंने रांची में एक ऑफलाइन सेंटर भी शुरू किया, जहां नियमित रूप से प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है। इस पाठशाला की सबसे खास बात है – यह पूरी तरह से निशुल्क है।

 

जेपीएससी 2023 में रचा इतिहास

जेपीएससी 11वीं से 13वीं परीक्षा के परिणामों में “डीएसपी की पाठशाला” का अभूतपूर्व प्रदर्शन सामने आया है। 342 चयनित अभ्यर्थियों में से 140 विद्यार्थी इसी पाठशाला से जुड़े थे।

इनमें कई ने प्रशासनिक, पुलिस, वित्त और अन्य उच्च सेवाओं में स्थान प्राप्त किया। इस शानदार परिणाम ने “डीएसपी की पाठशाला” को झारखंड की सबसे सफल मुफ्त कोचिंग पहल बना दिया है।

 

छात्रों के लिए गुरु, मार्गदर्शक और प्रेरणा

पाठशाला से जुड़े सैकड़ों छात्र विकास श्रीवास्तव को अपनी सफलता का आधार मानते हैं। डीएसपी रैंक पाने वाले दीपक और पंकज राज ने कहा, “विकास सर सिर्फ शिक्षक नहीं, हमारे आत्मविश्वास और साहस के स्रोत हैं। उन्होंने न केवल हमें सिलेबस पढ़ाया, बल्कि यह भी सिखाया कि हार से डरना नहीं है।”

 

सिस्टम के भीतर से बदलाव की कोशिश

विकास श्रीवास्तव ने यह साबित किया है कि यदि संकल्प पक्का हो, तो एक अधिकारी सिस्टम का हिस्सा बनकर भी व्यवस्था को बदल सकता है। उन्होंने जेपीएससी की कार्यप्रणाली की पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा, “इस बार आयोग ने समय पर परिणाम देकर छात्रों को न्याय दिया है, इससे युवाओं का सिस्टम पर विश्वास और मजबूत हुआ है।”

Related Articles