झारखंड के शिक्षक की अनोखी तस्वीर: माथे पर किताब लेकर चलने का मामला सुर्खियों में, जानिए क्या है वजह
Unique picture of a teacher from Jharkhand: The matter of walking with a book on the head is in the headlines, know the reason

साहिबगंज में बीते गुरुवार से पलाश कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को छह दिवासीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. लेकिन इस बीच पलाश कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लौटते हुए कुछ शिक्षकों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
माथे पर किताबें ढ़ोने को मजबूर
जो अब सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.दरअसल, वायरल तस्वीर में कुछ शिक्षक जिला मुख्यालय में पलाश प्रशिक्षण के दौरान दर्जनों पुस्तकें शिक्षक एवं शिक्षिकाओँ को माथे पर ढोकर विद्यालय ले जाने के लिए मजबूर होने पड़ा. इस तस्वीर को देख ये कहना गलत नहीं होगा कि शिक्षा विभाग की नजरों में शिक्षकों का कोई मान सम्मान नहीं है.
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से दूर विभिन्न प्रखंड में कार्यरत कई शिक्षक ट्रेन से वापस लौटते समय रेलवे ओवरब्रिज पर अपने माथे पर किताब ढोते हुए देखे गये.
पलाश प्रशिक्षण में शिक्षकों को क्या बताया गया?
गौरतलब है कि 6 दिवसीय पलाश कार्यक्रम में बच्चों को उनकी भाषा में कैसे बेहतर शिक्षा दिया जाएगा. इसे लेकर ही शिक्षकों को यह प्रशिक्षित किया जायेगा. पलाश के तहत कक्षा एक से तीन के बच्चों को बहुभाषी शिक्षा के तहत शिक्षित करने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे बच्चे कम से कम अपनी भाषा में बेसिक नॉलेज ले सकें. प्रशिक्षण के दौरान चयनित 105 स्कूलों के शिक्षकों को बहुभाषी प्रशिक्षण दिया गया.