गोल्डन किशमिश खा रहे हैं? FDA की चेतावनी के बाद मचा हड़कंप…जान का खतरा… वापस मंगाए गए उत्पाद….

वॉशिंगटन/नई दिल्ली।अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए रोज गोल्डन किशमिश खाते हैं, तो अब हो जाएं सतर्क। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने गोल्डन किशमिश को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। इस सुपरफूड के कुछ बैचों में ऐसा खतरनाक केमिकल पाया गया है, जो एलर्जी के साथ-साथ जानलेवा रिएक्शन तक पैदा कर सकता है।
FDA ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में बेची जा रही कुछ खास ब्रांड्स की 28 आउंस पैकिंग वाली गोल्डन किशमिश में ‘सल्फाइट्स’ की मौजूदगी पाई गई है, जो गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन सकते हैं।
सल्फाइट्स क्यों हैं खतरनाक?
FDA के मुताबिक, ये केमिकल खासतौर पर अस्थमा और एलर्जी के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
इससे एनाफिलेक्टिक शॉक,
सास लेने में तकलीफ,
गले की सूजन,
ब्लड प्रेशर में गिरावट
जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जो तत्काल चिकित्सा के बिना जानलेवा हो सकते हैं।
किन उत्पादों को बुलाया गया वापस?
न्यू जर्सी की कंपनी निरवाना फूड्स ने अपने गोल्डन किशमिश के सभी 28 आउंस पैक वापस मंगवा लिए हैं। ये प्रोडक्ट्स मुख्य रूप से न्यूयॉर्क के Maharaja Super Market और Villager Farmers Market में बेचे गए थे।
किशमिश में सल्फाइट का इस्तेमाल क्यों होता है?
गोल्डन किशमिश को उसका सुनहरा रंग देने और उसे चमकदार बनाने के लिए सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ये प्रक्रिया प्रोडक्ट की गुणवत्ता को सुधारने के लिए होती है, लेकिन लेबल पर इसका स्पष्ट उल्लेख न करना FDA नियमों का उल्लंघन है।
CDC का भी अलर्ट – 8% बच्चे हैं रिस्क पर
अमेरिकी CDC के अनुसार, अमेरिका में लगभग 6% वयस्क और 8% बच्चे एलर्जी से पीड़ित हैं। ऐसे में अगर वे अनजाने में सल्फाइट्स युक्त किशमिश खा लेते हैं, तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
भारत में क्या असर पड़ेगा?
भारत में इस किशमिश को सुल्ताना किशमिश के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर यह हेल्दी माना जाता है, लेकिन अब जरूरी हो गया है कि आप जो भी ड्राय फ्रूट्स या किशमिश खरीदें, उसके लेबल पर इंग्रेडिएंट्स चेक करें। खासकर अगर वह अमेरिका या किसी अन्य देश से आयातित है।
सावधानी ही सुरक्षा है!
अगर आप या आपके घर में कोई अस्थमा, दमा, एलर्जी या सांस संबंधी रोग से ग्रसित है, तो गोल्डन किशमिश खरीदने से पहले दो बार सोचें। जब तक फूड लेबल्स पर सल्फाइट्स का स्पष्ट उल्लेख न हो, तब तक इसे खाने से बचना ही बेहतर होगा।