झारखंड में बारिश का कहर…कई जिलों में भारी बारिश की संभावना, जानिए क्या हैं सावधानियां

Rain havoc in Jharkhand: Possibility of heavy rain in many districts, know what are the precautions

रांची: झारखंड में मानसून एक बार फिर पूरी सक्रियता के साथ लौट आया है। IMD के रांची स्थित केंद्र ने आगामी पांच दिनों के लिए राज्य भर में व्यापक वर्षा और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार मानसूनी द्रोणिका रेखा अभी राजस्थान, फतेहगढ़, मुजफ्फरपुर, बैंकुरा होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रही है, जिससे झारखंड में वर्षा की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं।

बीते 24 घंटों में सबसे अधिक वर्षा राजधानी रांची के मांडर क्षेत्र में 140.2 मिमी दर्ज की गई। वहीं पथलगड़ा (75.6 मिमी), हजारीबाग (58 मिमी), रांची एरो (26.8 मिमी) और अन्य कई स्थानों पर भी अच्छी बारिश हुई। साथ ही, राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए रहे और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

राजधानी रांची में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं गोला में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि लोहरदगा-एडब्ल्यूएस में न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में विशेष बदलाव की संभावना नहीं जताई है।

आईएमडी की चेतावनी के अनुसार, 19 और 21 जुलाई को राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाएं (30–40 किमी प्रति घंटा) चल सकती हैं। इसके साथ ही गरज-चमक और भारी बारिश की भी प्रबल संभावना है। 19 से 23 जुलाई तक लगभग सभी जिलों में दो या दो से अधिक बार बारिश हो सकती है। विशेषकर 21 जुलाई को ‘एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा’ की संभावना जताई गई है।

जिलावार तापमान की बात करें तो पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, देवघर, गिरिडीह, दुमका, गढ़वा, चतरा सहित अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 30–35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23–26 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा।

1 जून से 19 जुलाई तक राज्य में कुल 627.3 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य (380.6 मिमी) से 65% अधिक है। पूर्वी सिंहभूम में 669.8 मिमी वर्षा हुई जो सामान्य से 82% अधिक रही। वहीं रांची में 529.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 35% अधिक है।

कृषि कार्यों की दृष्टि से यह बारिश उपयोगी मानी जा रही है, परंतु मौसम विभाग ने भारी वर्षा संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। यात्रियों और किसानों को स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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