बस्तर के जंगलों से हथियार छोड़े: 33 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 23 वर्षों तक नक्सल नेटवर्क संभालने वाले दंपति ने रामागुंडम पुलिस के सामने किया सरेंडर, बस्तर में नक्सलवाद को बड़ा झटका।

जगदलपुर, 16 जुलाई: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां लंबे समय से सक्रिय 33 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने तेलंगाना के रामागुंडम में पुलिस कमिश्नर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

कौन हैं ये नक्सली दंपति?

  • लच्छन्ना उर्फ गोपन्ना – 25 लाख का इनामी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) और तेलंगाना स्टेट कमेटी का सक्रिय सदस्य।

  • अंकुबाई उर्फ अनितक्का – 8 लाख की इनामी, सिरपुर दलम की सदस्य और टेक्निकल डिपार्टमेंट की प्रमुख कैडर।

दोनों नक्सली पिछले 22 से 23 वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय थे।
लच्छन्ना को 2023 में DKSZC के कैडर की जिम्मेदारी मिली थी, वहीं 2007 में वह उत्तर बस्तर के DVC टेक्निकल विभाग का इंचार्ज रह चुका है।

अनितक्का की भूमिका भी अहम रही

अनितक्का वर्ष 2002 में ACM के रूप में संगठन में शामिल हुई थी। वर्ष 2007 में उसे टेक्निकल डिपार्टमेंट में भेजा गया था।
वह वर्तमान में उत्तर बस्तर DVC टेक्निकल डिपार्टमेंट में DVCM के पद पर काम कर रही थी।

सरेंडर का रणनीतिक असर

इन दोनों वरिष्ठ नक्सलियों का सरेंडर बस्तर और तेलंगाना में नक्सल नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह घटना सुरक्षाबलों की मजबूत रणनीति और दबाव का परिणाम है।
अधिकारियों का मानना है कि इससे नक्सली कैडर का मनोबल टूटेगा और संगठन में भीतर से असंतोष बढ़ेगा।

क्या बोले सुरक्षा अधिकारी?

पुलिस का कहना है कि ये आत्मसमर्पण सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की दबाव रणनीति का नतीजा है। साथ ही इससे आने वाले समय में और भी वरिष्ठ नक्सलियों के सरेंडर की संभावना जताई जा रही है।

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