BREAKING: हर सोमवार स्कूलों की छुट्टी! आखिर ऐसा क्या हुआ कि प्रशासन ने बदले स्कूलों के नियम? जानिए कौन-कौन से जिलों में लागू है नया आदेश

BREAKING: हर सोमवार स्कूलों की छुट्टी! आखिर ऐसा क्या हुआ कि प्रशासन ने बदले स्कूलों के नियम? जानिए कौन-कौन से जिलों में लागू है नया आदेश

सावन 2025 की शुरुआत के साथ देश के कई जिलों में स्कूलों के समय और छुट्टियों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। हर सोमवार स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है, जो अब तक के शैक्षणिक शेड्यूल में एक असामान्य बदलाव माना जा रहा है। आखिर इसके पीछे वजह क्या है? और किन छात्रों को इसका लाभ (या असर) होगा? आइए जानते हैं पूरी खबर:

क्यों लिया गया यह फैसला?

श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष आराधना होती है। सावन के सोमवार को कांवड़ यात्रा, जलाभिषेक और मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और बच्चों की आवाजाही में परेशानी को देखते हुए कई जिलों में प्रशासन ने हर सोमवार स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया है।

कब-कब मिलेगी छुट्टी?

तारीखदिनअवकाश का कारण
14 जुलाईसोमवारपहला सावन सोमवार
21 जुलाईसोमवारदूसरा सावन सोमवार
28 जुलाईसोमवारतीसरा सावन सोमवार
4 अगस्तसोमवारचौथा सावन सोमवार
11 अगस्तसोमवारपांचवां सावन सोमवार

किन राज्यों और जिलों में लागू हुआ आदेश?

उत्तर प्रदेश:

  • बदायूं, वाराणसी सहित कई जिलों में प्रशासन ने कक्षा 6 से 12 तक के लिए सोमवार को छुट्टी घोषित की है।

  • कुछ जिलों में शनिवार को भी छुट्टी रहेगी, लेकिन शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहेंगे।

मध्य प्रदेश:

  • उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में 14 जुलाई से 11 अगस्त तक हर सोमवार स्कूल बंद रहेंगे।

  • इसके बदले रविवार को स्कूल खुलेंगे ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।

  • विपक्ष ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे “धार्मिक पक्षपात” करार दिया है।

छात्रों और अभिभावकों के लिए जरूरी सूचना:

  • अपने जिले में लागू आदेश की पुष्टि स्कूल या जिला प्रशासन से करें।

  • कुछ स्कूल रविवार को क्लास लगा सकते हैं — इसकी जानकारी स्कूल से लें।

  • यातायात में रूट डायवर्जन, सुरक्षा उपायों और भीड़-भाड़ से जुड़े अपडेट्स पर ध्यान दें।

  • यह नियम सरकारी और निजी दोनों स्कूलों पर लागू है।

क्या कहता है प्रशासन?

प्रशासन का मानना है कि सावन सोमवार को स्कूल बसों और विद्यार्थियों पर भीड़-भाड़ का दबाव बहुत बढ़ जाता है। इससे बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है ताकि बच्चे सुरक्षित रहें और धार्मिक आस्था के साथ व्यवस्था भी बनी रहे।

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