अब नहीं चलेगी प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी….सरकार का बड़ा फैसला, बिल न देने पर भी 2 घंटे से ज़्यादा नहीं रोक सकेंगे शव….

गुवाहाटी। असम सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जो निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने वाला है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया कि अगर कोई मरीज की मृत्यु हो जाती है, तो अस्पताल बिल भुगतान न होने की स्थिति में भी शव को 2 घंटे से अधिक नहीं रोक सकते।
इस फैसले को जनता के हक में एक मानवता से जुड़ी बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे मृतक के परिजनों को अनावश्यक उत्पीड़न से राहत मिलेगी।
सरकार का बड़ा फैसला: निजी नर्सिंग होम के लिए जारी हुआ सख्त SOP
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और नियामक दिशानिर्देशों के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार:
अस्पताल किसी भी जबरदस्ती या शोषणकारी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते
यदि कोई विवाद होता है तो उसकी सूचना 4 घंटे के भीतर पुलिस और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को देना अनिवार्य होगा
इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
यह फैसला स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सरकार का बड़ा फैसला: ‘गज मित्र योजना’ से हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ेगा तालमेल
असम सरकार ने मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए भी एक अहम योजना को हरी झंडी दी है। कैबिनेट ने ‘गज मित्र योजना’ को मंजूरी दे दी है, जो उन 8 ज़िलों में लागू होगी जो इस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं:
गोलपारा, उदलगुरी, नागांव, बक्सा, सोनितपुर, गोलाघाट, जोरहाट और विश्वनाथ
इस योजना के तहत:
स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ेगी
जागरूकता अभियान और त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार किए जाएंगे
वन्यजीव और मानव बस्तियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की जाएगी