…जब इरफान अंसारी तलने लगे गरम-गरम पूड़ियां, बाबूलाल मरांडी पर बोले, खाइए… पीजिए… और जब लौटिएगा तो मुंह मीठा कराइएगा
...When Irfan Ansari started frying hot puris, he said to Babulal Marandi, eat... drink... and when you return, give me something sweet to eat

Irfan Ansari : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री और जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी अलग अंदाज के लिए जाने जाते है। गिरिडीह में कांग्रेस के नए जिला कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने जिस अंदाज में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर खुद पूड़ियां तलीं और प्लेटों में परोसीं, वह न सिर्फ राजनीतिक मंच से अलग था, बल्कि जनता से सीधे जुड़ाव का भी प्रतीक बन गया।
बारिश में तली पूड़ियां, बरसे राजनीतिक तीर
रिमझिम बारिश के बीच मंत्री इरफान अंसारी ने जहां एक ओर गर्मागरम पूड़ियां तलकर कार्यकर्ताओं को खिलाईं, वहीं दूसरी ओर भाजपा और विशेषकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा—”बाबूलाल मरांडी भाजपा में गए हैं, जाइए… खाइए… पीजिए… और जब लौटिएगा तो मुंह मीठा कराइएगा।”
चंदे से बना कांग्रेस कार्यालय, जनता से जुड़ाव का प्रतीक
गिरिडीह में बने इस नए जिला कांग्रेस कार्यालय को मंत्री अंसारी ने स्व. राजीव गांधी को समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यालय सिर्फ पार्टी नेताओं का नहीं बल्कि सामान्य जनता और कार्यकर्ताओं का ठिकाना होगा। यहां आवेदन लिए जाएंगे, बैठकों का आयोजन होगा और जनता की समस्याओं का समाधान यहीं किया जाएगा।उन्होंने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा—”भाजपा ने जामताड़ा में आदिवासियों की जमीन छीनकर कार्यालय बनाया, लेकिन हमने यह कार्यालय चंदे से बनाया है, आदिवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना।”
“आदिवासियों के सच्चे हितैषी हम हैं”
मंत्री अंसारी ने साफ कहा कि इस राज्य की आत्मा आदिवासी समाज है और हेमंत सोरेन के बाद अगर कोई उनका सबसे बड़ा हितैषी है तो वह मैं हूं। उन्होंने याद दिलाया कि इस राज्य की लड़ाई में उनके पिता फुरकान अंसारी और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अहम भूमिका रही है।”जब ये राज्य बना, तब बाबूलाल मरांडी कहां थे? अब आदिवासियों की ज़मीन पर कब्जा करके राजनीति की जा रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
“आज नहीं तो कल, हमारा वक्त जरूर आएगा”
डॉ. अंसारी ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस का यह नया कार्यालय गिरिडीह में संगठन को मजबूती देगा। उन्होंने कहा—”हम यहां खुद बैठेंगे, जनता की समस्याएं सुनेंगे और हल करेंगे। अधिकारियों को भी चेतावनी है—अगर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”उन्होंने अंत में कहा—”संघर्ष हर जगह होता है, यहां भी है। लेकिन यह तय है—आज नहीं तो कल, हमारा समय जरूर आएगा।”



















