रांची: शिक्षा विभाग के अफसरों पर गाज, सात जिलों के शिक्षा पदाधिकारी होंगे तलब, शिक्षकों पर भी कसेगा शिकंजा
Ranchi: Education department officials in trouble, education officers of seven districts will be summoned, teachers will also be put under pressure

रांची। शिक्षा विभाग के अफसरों को एक्शन शुरू हो गया है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने स्कूल रुआर अभियान-2025 की समीक्षा बैठक में राज्यभर के शैक्षणिक अमले की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। परिषद के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद तिग्गा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। समीक्षा बैठक में सात जिलों के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया है।
इन जिलों पर है लापरवाही का आरोप
बैठक में बच्चों के नामांकन डाटा अपलोड में लापरवाही, आउट ऑफ स्कूल बच्चों की कम संख्या में पहचान, पीटीएम डाटा अपलोड में सुस्ती, और बायोमेट्रिक उपस्थिति न दर्ज करने जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं।
प्राथमिक स्तर पर गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी और लोहरदगा में नामांकन शून्य प्रतिशत रहा, जिससे नाराज होकर इन जिलों के प्रभाग प्रभारियों को शो-कॉज नोटिस देने का निर्णय हुआ। वहीं माध्यमिक स्तर पर चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा, पाकुड़ और पश्चिमी सिंहभूम के प्रभारियों को भी कारण बताओ नोटिस भेजने के निर्देश मिले।
जिन मामलों पर जताई गई नाराजगी:
समीक्षा के दौरान पाया गया कि 12,273 स्कूलों ने पीटीएम डाटा अब तक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। वहीं बिना लेसन प्लान और मासिक मूल्यांकन के स्कूलों में पढ़ाई हो रही है।बायोमेट्रिक अटेंडेंस की भी अनदेखी की जा रही है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ममता लकड़ा ने सभी जिलों को डाटा अद्यतन करने और प्रशिक्षण केंद्रों के पुनर्स्थापन के निर्देश दिए।
शिक्षकों पर भी होगी सख्त कार्रवाई:
बैठक में प्रशासी पदाधिकारी तिग्गा ने चेतावनी दी कि यदि किसी विषय में कक्षा के 20% से अधिक छात्र फेल होते हैं, तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मैट्रिक और इंटर परीक्षा परिणामों का विश्लेषण कर ऐसे शिक्षकों की सूची विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
अब तक की उपलब्धियाँ
• अब तक 1,38,945 बच्चों का नामांकन किया गया।
• 4,019 दिव्यांग बच्चों को भी स्कूल से जोड़ा गया।
• 26,741 ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से शिक्षा से जोड़ा गया है (प्राथमिक स्तर)।
• माध्यमिक स्तर पर 8,529 बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया।