गूंजती चीखें, डूबता पुल: गुजरात में टूटी 43 साल की चुप्पी, सेकंडों में बह गई ज़िंदगियाँ

गुजरात में भीषण हादसा — ढह गया 43 साल पुराना पुल, नदी में समा गईं गाड़ियाँ, दो की मौत, कई लापता

गुजरात के वडोदरा-आणंद रूट पर सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब महिसागर नदी पर बना एक 43 साल पुराना पुल अचानक भरभराकर ढह गया। हादसे के वक्त पुल पर भारी ट्रैफिक था, और देखते ही देखते कई वाहन—including ट्रक और कारें—सीधे नदी में जा गिरे।

इस दर्दनाक हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोगों को गंभीर हालत में नदी से निकाला गया है। चश्मदीदों ने बताया कि हादसा महज चंद सेकंडों में हुआ और लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला।

वीडियो और तस्वीरें हिला देने वाली:
मौके से आई तस्वीरों में एक बड़ा ट्रक आधे टूटे पुल पर बुरी तरह फंसा दिख रहा है—मानो किसी अजगर के मुंह से बचा हुआ शिकार। यह मंजर पुल की खस्ता हालत और लापरवाही की गवाही दे रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी:
हादसे के बाद तुरंत NDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। जगह-जगह बिखरे वाहन, बहती लाशें और नदी में फंसे लोग—हर तरफ हाहाकार मचा है। बचाव कार्य अब भी जारी है, और लापता लोगों की तलाश में गोताखोरों की टीम जुटी हुई है।

सवालों के घेरे में पुल की उम्र और रखरखाव:
हादसे ने सरकारी लापरवाही और दशकों पुराने ढांचों की जांच को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह हादसा रुक सकता था? क्या समय पर सुरक्षा ऑडिट हुआ था? इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं, लेकिन घटना ने इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव हिला दी है।

यह हादसा सिर्फ एक पुल के गिरने की नहीं, बल्कि सिस्टम की नींव हिलने की चेतावनी है। यह वक्त है पुनर्विचार का—वरना अगली बार गिरने वाला पुल कहीं और और शिकार हममें से कोई भी हो सकता है।

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