मंत्री इरफान अंसारी को राहत या पेशी? 16 जुलाई को आएगा फैसला, शिक्षिका के मानहानि मामले विशेष अदालत में बहस पूरी
Relief or appearance for minister Irfan Ansari? Decision will come on July 16, debate completed in special court on teacher's defamation case

रांची। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के खिलाफ दायर मानहानि के बहुचर्चित मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में मंत्री इरफान अंसारी की सशरीर उपस्थिति से छूट की मांग पर 16 जुलाई को कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा।
पूरा मामला मामला डोरंडा की योग शिक्षिका राफिया नाज सेजुड़ा है। शिक्षिका के द्वारा अगस्त 2020 में दर्ज कराया गया था। आरोप है कि मंत्री ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राफिया नाज के पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे उनकी लज्जा भंग, धार्मिक भावनाएं आहत, और सार्वजनिक रूप से अपमान हुआ।
क्या हैं आरोप?
राफिया नाज ने अपनी शिकायत में कहा है कि मंत्री अंसारी ने उनके पहनावे को लेकर जिस प्रकार की टिप्पणी की, वह न केवल एक महिला के गौरव और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली थी, बल्कि इससे धार्मिक समुदाय में आक्रोश भी फैला। मामला एमपी-एमएलए विशेष अदालत में चल रहा है, जहां अब सुनवाई पूरी हो चुकी है।
मंत्री की याचिका: कोर्ट में उपस्थिति से छूट की मांग
मंत्री इरफान अंसारी को इस मामले में कोर्ट ने व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन जारी किया था, लेकिन मंत्री ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत एक याचिका दायर कर कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने से छूट की मांग की। याचिका पर बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।अब सबकी निगाहें 16 जुलाई पर टिकी हैं, जब कोर्ट यह तय करेगा कि मंत्री को अदालत में पेश होना होगा या उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाएगी।