यहाँ 40 दिन में हार्ट अटैक से 22 मौतें….2 साल में 507 हार्ट अटैक में 190 लोगों की मौत…..बढ़ी दहशत….वैक्सीन पर फिर उठे सवाल….

हासन/बेंगलुरु। कर्नाटक के हासन जिले में पिछले 40 दिनों में हार्ट अटैक से 22 मौतें होना अब एक सामान्य स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि सिस्टम और विज्ञान के सामने एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इन 22 में से कई मृतक युवा और मध्यम आयु वर्ग के थे — जिनमें से पांच की उम्र महज 19 से 25 वर्ष थी। इन मौतों ने कोविड वैक्सीन की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, और पूरे राज्य में दहशत और भ्रम का माहौल बना हुआ है।
दो साल में 507 हार्ट अटैक, 190 मौतें: क्या ये आंकड़े कुछ छिपा रहे हैं?
हासन स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले दो वर्षों में 507 हार्ट अटैक केस सामने आए, जिनमें 190 लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि इनमें से अधिकतर मामलों में कोई पूर्व लक्षण नहीं थे, यानी लोग अचानक ही गिर पड़े और उनकी जान चली गई।
ताजा मामला सोमनहल्ली गांव का है, जहां नवविवाहित संजू की अचानक मौत हो गई। इसी तरह 22 वर्षीय युवती और एक 37 साल के ऑटो चालक की भी सीने में दर्द के बाद मौत हो गई।
मुख्यमंत्री का बयान और जांच का आदेश: वैक्सीन को ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी देने का मुद्दा उठाते हुए मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन मौतों के पीछे कोविड वैक्सीन की भूमिका की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इसके लिए जयदेव हृदय विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रवीन्द्रनाथ की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई है, जिसे 10 दिन में रिपोर्ट सौंपनी है।
ICMR और AIIMS ने वैक्सीन को दी क्लीन चिट
हालाकि, दूसरी ओर AIIMS और ICMR की ताजा रिपोर्ट में साफ किया गया है कि कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है।
इस शोध में देशभर के 47 अस्पतालों में 18-45 साल के 3000 से अधिक मरीजों का विश्लेषण किया गया। नतीजा साफ था — मौतों के पीछे लाइफस्टाइल, ब्लड प्रेशर, तनाव, डायबिटीज और कोविड के बाद की जटिलताएं थीं, न कि वैक्सीन।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत बताया है।
डॉक्टरों की राय: वैक्सीन नहीं, हमारी आदतें जिम्मेदार
डॉक्टरों का कहना है कि हासन में हालिया हार्ट अटैक के पीछे तनाव, खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता और आनुवंशिक कारण मुख्य वजह हो सकते हैं। कोविड के बाद की जटिलताओं में भी हृदय पर असर देखने को मिला है, लेकिन वैक्सीन का इनसे कोई लेना-देना नहीं है।
सरकारी पहल: ‘हृदय ज्योति’ और ‘गृह आरोग्य’ योजनाएं शुरू
राज्य सरकार ने हृदय रोगों के जल्द पहचान और उपचार के लिए ‘हृदय ज्योति’ और ‘गृह आरोग्य’ जैसी योजनाएं शुरू की हैं।
जनता से अपील की गई है कि वे सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों को हल्के में न लें और तत्काल जांच कराएं।
अब सबकी नजर विशेषज्ञ रिपोर्ट पर
अब पूरा प्रदेश और चिकित्सा जगत विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम निष्कर्षों का इंतजार कर रहा है। क्या इन मौतों का कोई गहरा कारण छिपा है या यह सिर्फ संयोग है? जवाब जल्द मिल सकता है।