झारखंड: 65 स्कूलों पर गिर गयी गाज, शिक्षा विभाग के आदेश के दिखा रहे थे ठेंगा, अब हेडमास्टर पर गिर गयी गाज, जानिये क्या हुई थी गड़बड़ी

Jharkhand: 65 schools were punished, they were flouting the orders of the education department, now the headmaster is punished, know what went wrong

देवघर। शिक्षा विभाग के कड़े निर्देश के बावजूद कई स्कूल आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। अब इस मामले में बड़ा एक्शन हुआ है। निर्देश की अवहेलना मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से 65 स्कूलों पर एक्शन लिया गया है। इसमे सबसे ज्यादा सारठ के 17 और मधुपुर के 12 स्कूल शामिल हैं। दरअसल मध्याह्न भोजन योजना (MDM) के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) ने कड़ा रुख अपनाया है।

 

प्रत्येक कार्य दिवस पर एमडीएम रिपोर्टिंग हेतु एसएमएस भेजना अनिवार्य है, लेकिन इसके बावजूद जिले के कई स्कूलों द्वारा लगातार निर्देशों की अवहेलना की जा रही थी। इस गम्भीर लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए जिला के 65 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के वेतन और मानदेय को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।

 

प्रखंड स्तर पर आयोजित गुरूगोष्ठी के दौरान BEEO (ब्लॉक शिक्षा प्रसार पदाधिकारी) ने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया था कि वे प्रत्येक कार्य दिवस पर MDM योजना के तहत एसएमएस अनिवार्य रूप से भेजें। लेकिन प्रखंड के कई विद्यालयों ने इस दिशा में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

 

डीएसई की कार्रवाई: करौ के दस विद्यालयों पर गिरी पहली गाज

जिला शिक्षा अधीक्षक ने सबसे पहले प्रखंड के 10 स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों को शोकॉज नोटिस जारी करते हुए उनके वेतन और मानदेय पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

इन विद्यालयों में शामिल हैं:

• उत्क्रमित मध्य विद्यालय सालतर

• कठमिरखी

• लक्षणाडीह

• उत्क्रमित उच्च विद्यालय जोड़ामो

• उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय आलमपुर

• बलरवा

• छींट मांझतर

• कझियाटांड़

• ताराडंगाल

• बदिया संताल टोला

डीएसई ने पत्र में उल्लेख किया कि 23 जून से 26 जून के बीच इन स्कूलों द्वारा राज्य स्तरीय कोषांग को आवश्यक एमडीएम एसएमएस रिपोर्टिंग नहीं की गई। राज्य कोषांग की दैनिक समीक्षा में जब यह जानकारी सामने आई, तो गहरी नाराजगी जताई गई।

 

स्पष्टीकरण और आगे की कार्रवाई की चेतावनी

डीएसई ने स्पष्ट किया है कि लगातार निर्देशों के बावजूद लापरवाही गंभीर विषय है, और इसे कर्तव्य में चूक के रूप में देखा जा रहा है। सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और कहा गया है कि जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। जब तक जवाब संतोषजनक नहीं होता, तब तक वेतन और मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा।

 

जिलेभर के 65 स्कूल प्रभावित

सिर्फ एक प्रखंड नहीं, पूरे जिले में इस कार्रवाई की गूंज है। जिन प्रखंडों के स्कूलों को कार्रवाई की जद में लाया गया है, उनमें शामिल हैं:

• देवघर और देवीपुर: 5-5 स्कूल

• करौं: 10 स्कूल

• मधुपुर: 12 स्कूल

• मोहनपुर: 9 स्कूल

• पालोजोरी: 7 स्कूल

• सारठ: 17 स्कूल

डीएसई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि स्पष्टीकरण असंतोषजनक हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

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