पापा, वो लोग मुझे…! 800 ग्राम सोना, 70 लाख की कार भी नहीं भरी पति का लालच, नवविवाहिता ने तंग आकर की आत्महत्या – पढ़िए रिधन्या की दर्दनाक कहानी
“मैं आपकी जिंदगी में बोझ नहीं बनना चाहती पापा…”

तिरुपुर (तमिलनाडु): ये अंतिम शब्द थे रिधन्या के, जो अपने पिता को व्हाट्सएप ऑडियो के जरिए भेजे गए थे, उससे पहले कि वो अपनी जिंदगी हमेशा के लिए खत्म कर लेती।
तमिलनाडु के तिरुपुर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर उस इंसान की आत्मा झकझोर दी है, जो यह मानता है कि बेटियों की शादी के बाद उनका जीवन सुखी हो जाता है। 27 वर्षीय रिधन्या, एक सफल व्यापारी अन्नादुरई की इकलौती बेटी थीं। अप्रैल 2025 में उसकी शादी धूमधाम से कविन कुमार नामक युवक से हुई थी, जिसमें 800 ग्राम सोना और 70 लाख रुपये की वोल्वो कार दहेज के रूप में दी गई थी।
फिर भी क्यों नहीं रुका ससुरालवालों का लालच?
शादी के कुछ ही महीनों में कविन, उसके पिता ईश्वरमूर्ति और मां चित्रादेवी का व्यवहार बदल गया। रिधन्या को दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। अपने दर्द को वह चुपचाप सहती रही, लेकिन अंत में उसने सात ऑडियो मैसेज के रूप में अपना दर्द बयां किया।
अंतिम मैसेज में रिधन्या ने क्या कहा?
“कविन और उसके माता-पिता ने मुझे फंसाया है। वो मुझे मानसिक रूप से तोड़ रहे हैं, और वह मुझे मारता भी है। मैं अब और नहीं झेल सकती।
मैं आपके लिए बोझ नहीं बनना चाहती पापा। इस बार मेरी कोई गलती नहीं है… लेकिन अब मैं जा रही हूं।”
आत्महत्या से पहले मंदिर जाने का बहाना
रविवार को रिधन्या ने घरवालों से कहा कि वह मंदिर जा रही है। लेकिन रास्ते में अपनी कार रोककर कीटनाशक गोलियां खा लीं। काफी देर तक कार एक ही जगह खड़ी देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जब जांच की गई, तो कार के अंदर रिधन्या मृत मिलीं, मुंह झाग से भरा था।
तीन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पति कविन, उसके पिता और मां को गिरफ्तार कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सोचने वाली बात: 800 ग्राम सोना और 70 लाख की कार भी क्यों नहीं बुझा सका लालच का पेट?
रिधन्या की दर्दनाक कहानी समाज के उस विकृत लालच की सच्चाई है, जिसमें बेटी की कीमत सिर्फ दहेज से आंकी जाती है। क्या हम अब भी बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी नहीं दे सकते?