हूल दिवस पर लाठीचार्ज: सिद्धो-कान्हू के गांव में हिंसक झड़प, पुलिस प्रशासन से भिड़े गांव वाले, कई घायल
Violent clash in Sidhu-Kanhu's village on Hul Diwas, villagers clashed with police administration; many injured

साहिबगंज : हूल क्रांति की पुण्य भूमि भोगनाडीह पर हूल दिवस के अवसर पर आदिवासियों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना में कई ग्रामीणों के घायल होने की खबर है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस बर्बर कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा, “आज की यह बर्बरता अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर देती है। हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिद्धो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है।”
मरांडी ने आगे कहा कि राज्य सरकार झारखंड के आदिवासी समाज को उनके इतिहास, अस्मिता और अधिकारों से काटना चाहती है। उन्होंने झारखंड सरकार पर घुसपैठियों के साथ गठजोड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती कि आदिवासी समाज अपने पुरखों के बलिदानों से प्रेरणा लेकर संगठित हो।
उन्होंने साफ कहा कि यह दमनकारी कार्रवाई सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। “जिस तरह वीर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने हूल क्रांति से अंग्रेजों की नींव हिला दी थी, उसी तरह भोगनाडीह की यह घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण बनेगी,” मरांडी ने चेतावनी दी।
बाबूलाल मरांडी ने बताया कि उन्होंने साहिबगंज के एसपी से संपर्क कर पूरी घटना की जानकारी ली है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।