झारखंड: ट्रांसफर-पोस्टिंग के फरमान पर स्वास्थ्यकर्मी टेंशन में, AJPMA का निदेशक प्रमुख को विरोध पत्र, पूछा, क्या ऐसे पूरा होगा ‘स्वस्थ झारखंड-सुखी झारखंड’ का सपना?

Jharkhand Transfer News: झारखंड के स्वास्थ्य विभाग में सामूहिक तबादले की खबर ने स्वास्थ्यकर्मियों को सकते में डाल दिया है। जिस तरह से तबादले को लेकर आये दिन विभाग के फरमान जारी हो रहे हैं, उसने तो कर्मचारियों के मन में और भी खौफ भर दिया है, लिहाजा पारा मेडिकल तकनीकी कर्मियों में सामूहिक स्थानांतरण पदस्थापन आदेश को लेकर भारी असंतोष है।
सामूहिक तबादला आदेश को लेकर झारखंड में स्वास्थ्यकर्मियों के सबसे बड़े संगठन ‘ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन’ ने भी नाराजगी जतायी है। एसोसिएशन के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को एक औपचारिक पत्र लिखकर तीखा विरोध जताया है। एसोसिएशन ने तत्काल प्रभाव से तबादले की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।
एसोसिएशन ने पत्र में बताया कि राज्यभर के तकनीकी स्वास्थ्यकर्मी सुदूर ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दे रहे हैं, जहां वे सीमित संसाधनों में भी अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का कार्य पूरी निष्ठा और समर्पण से कर रहे हैं।
निदेशक प्रमुख वापस ले आदेश… प्रदेश अध्यक्ष
AJPMA के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा है कि निदेशक प्रमुख के स्थानांतरण पदस्थापन की नीति पर राज्य कर्मी विरोध कर रहे है।अन्य विभागों में जहां गृह जिला की छूट दी जाती है वहीं स्वास्थ्य कर्मी आपातकालीन सेवा मानते हुए दूरदराज के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पहुंचा रहे है। निदेशक प्रमुख को हमारे कर्मियों के प्रोन्नति, 13 माह के वेतन, सभी कर्मियों को परिवहन भत्ता, जोखिम भत्ता दिलाने जैसी सुविधा देने के बजाय ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर बड़ा खेल करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे है। हम मांग करते है कि जल्द से जल्द इस पत्र पर रोक लगाई जाय।
तनाव में हैं स्वास्थ्यकर्मी
निदेशक प्रमुख के पत्र के अनुपालन में तीन विकल्पों के तहत स्थानांतरण प्रक्रिया आरंभ की गई है, लेकिन इससे स्वास्थ्यकर्मियों में तनाव का माहौल बन गया है। ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि इस प्रकार का एकतरफा सामूहिक स्थानांतरण, कर्मियों की कार्यक्षमता और मनोबल को प्रभावित कर सकता है।
एसोसिएशन की प्रमुख आपत्तियाँ:
* पारा मेडिकल तकनीकी कर्मी पहले से ही सीमित संसाधनों और विषम परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं।
* सामूहिक स्थानांतरण से उनका स्थानीय सामाजिक और पारिवारिक संतुलन प्रभावित होगा।
* आने वाले महीनों में श्रवणी मेला, संभावित कोविड लहर, मौसमी बीमारियाँ जैसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान हैं, जिनके लिए अनुभवी और क्षेत्र परिचित कर्मियों की जरूरत होगी।
निदेशक प्रमुख से की यह मांग
‘ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन’ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को लिखे अपने पत्र में कहा है कि…
“हम इस सामूहिक स्थानांतरण का पूरजोर विरोध करते हैं और आपसे आग्रह करते हैं कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि पारा मेडिकल कर्मी बिना मानसिक तनाव के राज्य के स्वास्थ्य मिशन में अपनी भूमिका निभा सकें और ‘स्वस्थ झारखंड, सुखी झारखंड’ के सपने को साकार किया जा सके।”