झारखंड DGP अनुराग गुप्ता के लिए राहत भरी खबर: प्रोविजनल पे-स्लिप को मंजूरी की प्रक्रिया शुरू, जानिए क्या है अपडेट

Relief news for Jharkhand DGP Anurag Gupta: Process of approval of provisional pay slip started, know what is the update

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के पद पर बने रहने और उनकी सैलरी को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब एजी कार्यालय की ओर से उन्हें पे –स्लिप जारी कर देने की बात सामने आ रही है.

इस शर्त पर AG कार्यालय ने दी पे-स्लिप की सहमति

दरअसल, कुछ दिन पहले हेमंत सरकार के गृह विभाग ने महालेखाकार को डीजीपी का पे- स्लिप जारी करने से संबंधित पत्र भेजा था. इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित होने के कारण पे-स्लिप को औपबंधिक रूप से जारी किया जाएगा और अगर डीजीपी की नियुक्ति अवैध ठहरायी गई तो वेतन की रिकवरी की जाएगी. मानें डीजीपी अनुराग गुप्ता से पूरे महीने की राशि वसूली की जाएगी.
गृह विभाग ने हाल ही में महालेखाकार कार्यालय को पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता के डीजीपी पद पर कार्यरत रहने की स्थिति को स्पष्ट किया है.

DGP का 2027 तक किया गया है सेवा विस्तार

पत्र में कहा गया कि 8 जनवरी 2025 को अधिसूचित झारखंड पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक चयन और नियुक्ति नियम, 2025 के तहत अनुराग गुप्ता की नियुक्ति 2 फरवरी 2025 से 3 फरवरी 2027 तक के लिए की गई है. इस आधार पर गृह विभाग ने महालेखाकार से अनुराग गुप्ता की पे-स्लिप जारी करने का अनुरोध किया था. जवाब में एजी कार्यालय ने औपबंधिक पे-स्लिप जारी करने की सहमति के साथ यह शर्त जोड़ी है कि यदि हाईकोर्ट में उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराया जाता है तो उनके द्वारा प्राप्त वेतन की रिकवरी की जाएगी. वहीं, यदि नियुक्ति वैध मानी जाती है तो उन्हें नियमित वेतन मिलता रहेगा.

10 जून को DGP ने लिखा था पत्र

सैलरी को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी 10 जून को महालेखाकार कार्यालय को पत्र लिखकर वेतन जारी करने को कहा था. साथ ही अनुराग गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा था कि 1 मई 2025 से पे –स्लिप शून्य कर दी है.

गौरतलब है कि महालेखाकार कार्यालय के रिकॉर्ड में भी डीजीपी अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 के बाद सेवानिवृत्ति हो चुके है. यही कारण उन्हें मई महीने में काम करने के बावजूद वेतन नहीं मिला था. हालंकि अब एजी कार्यालय शर्तों के रखते हुए पे –स्लिप जारी करने पर सहमति जताई है. गृह मंत्रालय ने भी उन्हें 30 अप्रैल से सेवानिवृत्त माना है.

गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2025 को भेजा था पत्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सबसे पहले 22 अप्रैल 2025 को झारखंड सरकार को पत्र जारी कर बता दिया था कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल से सेवानिवृत्त हो जाएंगे. क्योंकि 30 अप्रैल के बाद अनुराग गुप्ता की उम्र 60 वर्ष की पूरी हो चुकी हैं. केंद्र ने उनके सेवा विस्तार को अस्वीकार करते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा नियमों और सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह मामले के निर्देशों का उल्लंघन बताया.
हालांकि,झारखंड सरकार ने तर्क दिया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नई नियमावली के तहत की गई है.

हाईकोर्ट में DGP पद की नियुक्ति का मामला है विचाराधीन

वहीं विपक्ष के नेता नेता बाबूलाल मरांडी ने गुप्ता की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार ने यूपीएससी की सिफारिशों को दरकिनार कर अनुराग गुप्ता को राजनीतिक लाभ के लिए नियुक्त किया. हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को निर्धारित है.

अनुराग गुप्ता इन विवादों में रह चुके हैं 

अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें 26 जुलाई 2024 से कार्यवाहक डीजीपी और दो फरवरी 2025 से नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति से पहले और बाद में कई विवाद सामने आए, जिसमें 2016 के राज्यसभा चुनाव में कथित हार्स ट्रेडिंग का मामला शामिल है.

इसके अलावा चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की थी और डीजीपी पद से हटाया दिया था. हालांकि 28 नवबंर 2024 को चुनाव नतीजे सामने आने के बाद उन्हें फिर से डीजीपी पद का पदभार सौंपा गया. जिसके बाद से ही उनकी नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बहस छिड़ी हुई है.

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