झारखंड : पलामू में डूबने की घटनाएं बढ़ीं…72 घंटे में 6 लोगों की डूबकर मौत, 5 बच्चे शामिल, एक लापता की तलाश जारी
Jharkhand: Drowning incidents increased in Palamu... 6 people drowned in 72 hours, including 5 children, search for one missing continues

पलामू (झारखंड) : जिले में सुबह तक अलग-अलग थाना क्षेत्रों में डूबने की घटनाओं में छह लोगों की जान चली गई, जिनमें पांच मासूम बच्चे शामिल हैं। एक बच्चे की तलाश अब भी जारी है। ये दर्दनाक घटनाएं मानसून के मौसम में जल स्रोतों के निकट सावधानी की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
समीर अंसारी नदी में बहा, तलाश जारी
पांकी प्रखंड के पकरिया पंचायत स्थित लालिमाटी गांव में समीर अंसारी अन्य बच्चों के साथ नदी में नहाने गया था, जहां वह तेज बहाव में बह गया। बच्चों ने परिजनों को घटना की सूचना दी, लेकिन सोमवार देर शाम तक भी समीर का पता नहीं चल सका। बचाव कार्य जारी है।
अमानत नदी में डूबा 17 वर्षीय किशोर
पांकी थाना क्षेत्र के ढुब पंचायत के उकसु गांव में 17 वर्षीय राकेश अमानत रविवार शाम नदी में नहाने के दौरान डूब गया। सोमवार को उसका शव गांव से कुछ दूरी पर अमानत नदी के किनारे बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दो मौसेरे भाइयों की तालाब में मौत
रविवार को मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के रांची रोड, रेड़मा इलाके में एक तालाब से दो मौसेरे भाइयों के शव बरामद हुए। दोनों शनिवार शाम से लापता थे। टाउन थाना प्रभारी ज्योति लाल रजवार ने मामले की पुष्टि की।
गंगतुआ में तालाब में डूबा बच्चा
पाटन थाना क्षेत्र के गंगतुआ गांव में एक तालाब में नहाने के दौरान अर्जुन भुइयां नामक बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कपड़ा धोते समय नदी में डूबी महिला
चैनपुर थाना क्षेत्र के बूढ़ीबीर इलाके में ममता देवी नामक महिला नदी में कपड़ा धोते समय डूब गईं। ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बढ़ती डूबने की घटनाएं : चेतावनी का संकेत
बारिश के मौसम में नदियों, तालाबों और जलाशयों में जलस्तर बढ़ने के साथ ही डूबने की घटनाएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। प्रशासन द्वारा लगातार चेतावनी के बावजूद नहाने और तैरने के लिए जल स्रोतों की ओर जाने से इन घटनाओं में इजाफा हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है।