…और कैबिनेट बैठक में कट गयी बिजली: 10 मिनट अंधेरे में बैठे रहे मुख्यमंत्री व मंत्री, सीएम ने जतायी नाराजगी, अफसरों से किया जवाब तलब
...and power went off during the cabinet meeting: Chief Minister and ministers sat in the dark for 10 minutes, CM expressed displeasure, sought answers from officers

रांची। झारखंड में बिजली संकट किसी से छुपी नहीं है। कोयले के अथाह भंडार के बावजूद बिजली के लिए झारखंड को दशकों से तरशना पड़ रहा है। बिजली गुल होने की समस्या सिर्फ सुदूर जिला ही नहीं, पूरा प्रदेश है। यहां तक की राजधानी में भी भीषण बिजली संकट है। घंटों बिजली कटना, आंधी तूफान में दो-दो दिनों तक बिजली का गायब रहना आम बात है।
बिजली संकट की गंभीरता का अंदाजा शुक्रवार 20 जून को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी हो गया। कैबिनेट की बैठक के बीच अचानक बिजली गुल हो गई। झारखंड मंत्रालय में आयोजित इस अहम बैठक में जब कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री समेत मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी अंधेरे में बैठे रहे, तब मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों से जवाब-तलब किया और बिजली व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए।
हालांकि 10 मिनट के भीतर बिजली बहाल कर दी गई, परंतु मुख्यमंत्री ने मीडिया को इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि बिजली संकट की अनदेखी नहीं की जा सकती और अधिकारियों को कड़ी हिदायत दी गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को बिजली संकट को लेकर जवाब तलब किया है। झारखंड मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद मीडियाकर्मियों के समक्ष बिजली कटने की बात स्वीकारते हुए कहा कि इसको लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
आपको बता दें कि इससे पहले खुद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी बिजली किल्लत को लेकर अधिकारियों पर नाराजगी जतायी थी। उन्होंने बैठक लेकर अफसरों को बिजली की व्यवस्था को दुरुस्त करने को कहा था। अब मुख्यमंत्री भी इस संकट से रुबरू हो गये। हालांकि अधिकारियों को मिले कड़े निर्देश के बाद अफसर कितना सतर्क होंगे व बिजली की किल्लत दूर होगी या नहीं, ये जरूर देखने वाली बात होगी।