QS World Rankings 2026: भारत के 54 संस्थानों को मिली जगह, प्रधानमंत्री मोदी बोले – शिक्षा क्षेत्र में आया सुनहरा दौर

नई दिल्ली। भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। प्रतिष्ठित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के 54 उच्च शिक्षण संस्थानों को स्थान मिला है। इस उपलब्धि को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इसे शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “QS World University Rankings 2026 हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर लेकर आई है। हमारी सरकार अनुसंधान और नवाचार की पारिस्थितिकी को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि युवाओं को अधिक अवसर मिल सकें।”

IIT दिल्ली ने रचा इतिहास (QS World Rankings 2026)

गुरुवार सुबह जारी रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को भारत के सबसे उच्च रैंक प्राप्त संस्थान के रूप में मान्यता मिली है। संस्थान ने दो वर्षों में 70 से अधिक स्थानों की छलांग लगाकर 123वां स्थान हासिल किया है, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

भारत बना चौथा अग्रणी देश(QS World Rankings 2026)

इस बार QS रैंकिंग में भारत के 8 नए संस्थानों को शामिल किया गया है, जिससे कुल संख्या 54 हो गई है। इस आधार पर भारत, अमेरिका (192), ब्रिटेन (90) और चीन (72) के बाद चौथे स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष किसी अन्य देश के इतने अधिक विश्वविद्यालय रैंकिंग में नहीं जुड़े। जॉर्डन और अजरबैजान ने 6-6 नए विश्वविद्यालयों को रैंकिंग में शामिल कर दूसरा स्थान हासिल किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया शिक्षा नीति का परिणाम(QS World Rankings 2026)

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा, “2014 में केवल 11 भारतीय संस्थान QS रैंकिंग में शामिल थे, जो अब बढ़कर 54 हो गए हैं। यह पांच गुना बढ़ोतरी प्रधानमंत्री मोदी जी की नेतृत्व में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और अन्य सुधारों की सफलता को दर्शाती है। एनईपी केवल शिक्षा में बदलाव नहीं ला रही, बल्कि एक क्रांति का मार्ग प्रशस्त कर रही है।”

QS रैंकिंग क्या है?(QS World Rankings 2026)

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का प्रकाशन लंदन स्थित वैश्विक शिक्षा विश्लेषण कंपनी क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा किया जाता है। इसमें शिक्षण गुणवत्ता, अनुसंधान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, नियोक्ता प्रतिष्ठा और छात्र-संकाय अनुपात जैसे कई मापदंडों के आधार पर विश्वभर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया जाता है।

भारत का QS वर्ल्ड रैंकिंग में मजबूती से उभरना न केवल शिक्षा क्षेत्र की प्रगति का संकेत है, बल्कि यह युवाओं के लिए वैश्विक अवसरों के द्वार भी खोलता है। यह उपलब्धि देश के वैश्विक शैक्षिक नेतृत्व की ओर बढ़ते कदमों की पुष्टि करती है।

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