झारखंड- टेंशन में स्वास्थ्यकर्मी: जिलों में स्वीकृत व रिक्ति की जानकारी ही नहीं! ट्रांसफर के लिए निदेशक ने मांग लिया तीन विकल्प, अब AJPMA ने पत्र लिखकर कहा, पहले सूची करायें उपलब्ध

रांची। झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में तबादले की सरगर्मी तेज है। राज्य स्तर से लेकर जिला कैडर तक के तबादले को लेकर विभाग कमर कस चुका है। सूत्र बताते हैं कि अगले  महीने के भीतर तबादले की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। विभाग ने जो तैयारी की है, उसकी जद में डाक्टर से लेकर नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ भी आयेंगे। लिहाजा विभाग में काफी उहापोह की स्थिति बन गयी है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस मसले को लेकर कई पत्राचार अस्पताल अधीक्षकों, सिविल सर्जनों व मेडिकल कालेज के प्राचार्यों को किया जा चुका है।

जुलाई तक तबादले की तैयारी

खबरों के मुताबिक तबादले अलग-अलग चरण में होंगे। पहले चरण में डाक्टर्स, फिर स्टाफ नर्स और तीसरे चरण में राज्य कैडर के पारा मेडिकल स्टाफ होंगे। हालांकि अभी ट्रांसफर की गाइडलाइन और शेड्यूल तो जारी नहीं किया गया है, लेकिन जो खबरें मिल रही है, उसके मुताबिक अगस्त तक तबादला प्रक्रिया पूर्ण करने की तैयारी विभाग ने की है।

क्या था निदेशक प्रमुख का पत्र

दरअसल निदेशक ने अपने पत्र में कहा था कि एक ही जिला, संस्थान, स्थापना में पदस्थापित एवं कार्यरत सभी राज्य स्तरीय कर्मियों के स्थानांतरण व पदस्थापन पर आगामी स्थापना समिति में विचार किया जाना है। ऐसे में अनुरोध है कि लगातार 5 साल या उससे अधिक अवधि तक एक ही जिला, संस्थान व स्थापना में पदस्थापित कार्यरत सभी राज्यस्तरीय कर्मियों से विकल्प प्राप्त कर उनके पदस्थापित जिला को छोड़कर स्थानांतरण व पदस्थापन के लिए तीन विकल्प सात दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

विकल्प की मांग ने बढ़ायी विसंगतियां

10 जून को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जो पत्र निदेशक प्रमुख सीके शाही ने जारी किया था, उसमें राज्य कैडर के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए तबादला हेतु तीन जिलों के विकल्प मांगे थे। कमाल की बात ये है कि विकल्प तो सरकार ने मांगे जरूर हैं, लेकिन किन जिलों में कितनी रिक्तियां है, इसकी जानकारी साझा नहीं की। लिहाजा स्वास्थ्यकर्मियों में इस बात को लेकर असमंजस गहरा गया है कि अगर वो अपना विकल्प देते भी हैं तो क्या उन जिलों में उनकी पदस्थापना हो पायेगी।

ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन ने लिखा पत्र

सरकार के इस पत्र ने प्रदेश भर के हजारों स्वास्थ्यकर्मियों को परेशानी में डाल दिया है। पारा मेडिकल स्टाफ की अगुवाई करने वाले AJPMA ने अब निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखा है। महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने लिखे अपने पत्र में विभाग से राज्यस्तरीय कर्मियों के लिए संवर्ग अनुसार स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि विकल्प भरने में स्वास्थ्यकर्मियों को आसानी हो सके।

महासचिव ने अपने पत्र में कहा है कि स्वास्थ्यकर्मी दूर दराज क्षेत्र में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में दिन रात लगे रहते हैं। लेकिन निदेशालय के पत्र ने उन्हे उलझन में डाल दिया है। राज्यकर्मियों को अपने विकल्प वाले जिलों की स्थिति का पता नहीं है, इस वजह से उन्हें विकल्प भरने में परेशानी हो रही है।

AJPMA ने स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी अपने अनुरोध की प्रतिलिपी भेजी है। साथ ही अनुरोध किया है कि जिलों में कार्यरत, पदस्थापित और रिक्त पदों की सूची संवर्गवार सार्वजनिक की जाये।

पहले प्रोन्नति फिर तबादला की विभाग करे तैयारी – प्रदेश अध्यक्ष

AJPMA के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्षो से स्वास्थ्य कर्मी एक ही पद पर काम कर रहे है परन्तु विभाग प्रोन्नति देने में कोई तत्परता नहीं दिखाती। जबकि तबादला उद्योग पर विभाग काफी दिलचस्प दिखाई दे रही है। पहले कार्मिक विभाग द्वारा जारी प्रोन्नति कालावधि के अनुसार सभी संवर्ग के कर्मियों को प्रोन्नति देना  सुनिश्चित करे उसके बाद स्थानांतरण पदस्थापन पर काम किया जाय।

 

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