Ahmedabad Plane Crash: ‘मौत की सेल्फी’ बनी आखिरी याद – लंदन में बसने निकला बांसवाड़ा का डॉक्टर परिवार हादसे में खत्म

बांसवाड़ा (राजस्थान)। अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे (AI171) में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे ने न सिर्फ एक विमान को तबाह किया, बल्कि सैकड़ों परिवारों की खुशियों को भी निगल गया। इन्हीं में से एक था राजस्थान के बांसवाड़ा का डॉक्टर परिवार, जो लंदन में नई ज़िंदगी शुरू करने जा रहा था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था।

सेल्फी जो बन गई ‘मौत की निशानी’

डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास और उनके तीन मासूम बच्चों की मौत ने पूरे बांसवाड़ा को शोक में डुबो दिया है। फ्लाइट टेक ऑफ से पहले प्रतीक जोशी ने एक सेल्फी ली थी, जिसमें पूरा परिवार मुस्कुराता नज़र आ रहा था — एक नई शुरुआत की उम्मीद के साथ। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद, वही खुशहाल चेहरों वाली सेल्फी ‘मौत की सेल्फी’ बन गई।Ahmedabad Plane Crash:

पूरा परिवार खत्म: डॉक्टर दंपती और तीन बच्चे

जानकारी के अनुसार,

  • डॉ. प्रतीक जोशी: लंदन में डॉक्टर थे

  • डॉ. कोमी व्यास (पत्नी): हाल ही में नौकरी छोड़ लंदन शिफ्ट होने की तैयारी में थीं

  • तीन बच्चे: जिनमें दो जुड़वां बेटियां थीं (उम्र – 5 वर्ष)

पूरा परिवार Air India Flight AI171 से लंदन के लिए रवाना हो रहा था। लेकिन टेक ऑफ के कुछ ही मिनट बाद अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में विमान क्रैश हो गया।

“चेहरे पर थी एक नई शुरुआत की खुशी”

पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने बताया:

“डॉ. कोमी दो दिन पहले अस्पताल आई थीं, सब से गले मिली थीं। उन्होंने बताया था कि अब वे लंदन में नई जिंदगी शुरू करने जा रही हैं। उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक और खुशी थी। हम सबको क्या पता था कि ये आखिरी मिलना होगा।”


वीजा की देर बनी अनहोनी की वजह?

परिजनों के अनुसार, डॉक्टर जोशी परिवार पिछले दो महीने से बांसवाड़ा में ही था। बच्चों का वीजा नहीं मिलने की वजह से उनकी लंदन यात्रा रुकी हुई थी। जैसे ही वीजा क्लियर हुआ, परिवार ने टिकट बुक करवा लिया — लेकिन यह सफर उनकी ज़िंदगी का आखिरी सफर बन गया।Ahmedabad Plane Crash:

शहर में शोक, अस्पताल स्टाफ ग़मगीन

इस हादसे के बाद पूरे बांसवाड़ा में शोक की लहर है। जोशी परिवार अपने मिलनसार स्वभाव और विनम्रता के लिए जाना जाता था। अस्पताल का स्टाफ, दोस्त और जान-पहचान वाले सभी स्तब्ध हैं।

एक परिवार जो सपनों को लेकर उड़ान भरने निकला, वो कभी मंज़िल तक नहीं पहुंच पाया। डॉ. प्रतीक जोशी की ‘मौत की सेल्फी’ आज पूरे देश के लिए एक भावनात्मक प्रतीक बन चुकी है — जो याद दिलाती है कि ज़िंदगी कितनी अनिश्चित हो सकती है।Ahmedabad Plane Crash:

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