Ahmedabad Plane Crash: ‘10×10 के कमरे से भरी थी सपनों की उड़ान’, हादसे में जान गंवाने वाली रोशनी के मामा की भावुक बातों ने किया देश को नम

अहमदाबाद। एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 265 लोगों की जान गई, जिनमें एयर होस्टेस रोशनी राजेंद्र सोंघरे भी शामिल थीं। ठाणे के डोंबिवली की रहने वाली रोशनी न सिर्फ एयरलाइन क्रू मेंबर थीं, बल्कि सोशल मीडिया पर एक जानी-मानी ट्रैवल इन्फ्लुएंसर भी थीं। उनकी मौत ने उनके परिवार और चाहने वालों को गहरे शोक में डाल दिया है।

‘10×10 के कमरे से भरी थी सपनों की उड़ान’ (Ahmedabad Plane Crash)

रोशनी के मामा प्रवीण सुखदरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा—

“वो हमारे ही घर में पली-बढ़ी थी। एक 10×10 के छोटे से कमरे से उसने बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा भी किया। वह हमेशा कहती थी कि कुछ अलग करना है। एयर होस्टेस बनना उसका सपना था, और उसने वह कर दिखाया।”

बचपन से था एयर होस्टेस बनने का सपना(Ahmedabad Plane Crash)

मूल रूप से महाराष्ट्र के ठाणे जिले से ताल्लुक रखने वाली रोशनी ने अपनी पढ़ाई मुंबई में की थी। मामा के अनुसार, वह मेहनती और होनहार थी। उसके पिता एक टेक्नीशियन हैं और परिवार मध्यमवर्गीय है। करियर की शुरुआत उसने स्पाइसजेट से की थी, जहां उसने दो साल काम किया और बाद में एयर इंडिया जॉइन की थी।

‘उसी से शादी करूंगी जो मुझे पसंद होगा, मामा…’ (Ahmedabad Plane Crash)

अपनी आखिरी बातचीत को याद करते हुए मामा प्रवीण ने बताया—

“करीब एक हफ्ते पहले उससे बात हुई थी। मैंने पूछा कि शादी के बारे में क्या सोचा है? तो हँसते हुए बोली थी—‘जो मुझे पसंद होगा, उसी से करूंगी मामा।’”

मां को अभी तक नहीं बताया गया हादसे की खबर(Ahmedabad Plane Crash)

प्रवीण सुखदरे ने बताया कि रोशनी की मां को अब तक इस हादसे की जानकारी नहीं दी गई है।

“उन्हें बीपी की समस्या है, इसलिए अभी उन्हें यह सदमा देना मुश्किल है।”

गांव आकर कुलदेवता के किए थे दर्शन

रोशनी दो दिन पहले ही अपने गांव आई थीं, जहां उन्होंने दादा-दादी, चाचा-चाची से मुलाकात की और कुलदेवता के दर्शन भी किए थे। गांव से लौटते ही उन्हें लंदन की उड़ान के लिए कॉल आया और वे ड्यूटी पर चली गईं, जहां ये भयानक हादसा हो गया।

एयर इंडिया की प्रतिक्रिया का इंतजार(Ahmedabad Plane Crash)

परिवार का कहना है कि एयर इंडिया की ओर से अब तक कोई आधिकारिक कॉल नहीं आया है, हालांकि कुछ सहकर्मी अहमदाबाद में परिवार के साथ मौजूद हैं।


एक छोटे से कमरे से निकलकर ऊंची उड़ान भरने वाली रोशनी की कहानी देश की उन हजारों लड़कियों की प्रेरणा थी, जो हालातों से लड़कर अपने सपनों को जीना चाहती हैं। यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि पूरे देश की एक बेटी को खोने का दुख है।

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