झारखंड बड़ा खदान हादसा: नदी का पानी खदान में घुसा, तीन मजदूरों की हुई मौत, NTPC की मदद से रेस्क्यू का काम जारी
Jharkhand major mine accident: River water entered the mine, three workers died, rescue work continues with the help of NTPC

Jharkhand Coal Mines : कोल माइंस में पानी घुसने से बड़ा हादसा हो गया। तीन मजदूरों की जान जाने की खबर आ रही है। रेस्क्यू का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, लिहाजा अभी संख्या को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा हजारीबाग से केरेडारी थाना क्षेत्र के कंडाबेर और बरियातू सीमावर्ती क्षेत्र स्थित छावा नदी के किनारे घटी है।
इस क्षेत्र में कोयले की अवैध खदान में गए तीन मजदूरों की पानी में डूबने से जान चली गई। जानकारी के मुताबिक कोयले की खदान में अवैध रूप से कोयला खनन का काम चल रहा था। जहां अचानक बारिश का पानी घुस गया, जिसकी वजह से तीन मजदूरों की जान चली गई। प्रशासन ने मजदूरों को निकालने के लिए एनटीपीसी से मदद मांगी थी।
प्रशासन के अनुरोध पर एनटीपीसी ने खदान में तीन बड़े-बड़े मोटर उपलब्ध कराये गये हैं और शवों की तलाश की जा रही है। केरेडारी कंडाबेर के छावा नदी के किनारे अवैध उत्खनन का काम कई महीनो से किया जा रहा था। 21 मई की दोपहर 3 बजे जोरदार बारिश हुई। बारिश को देखते हुए कोयले का अवैध खनन करने वाले तीन लोग खदान के अंदर गए और पानी की मशीन निकलने लगे।
इसी बीच तेज बारिश होने के कारण नदी पानी को रोकने के लिए बनाए गए मेढ़ को तोड़ते हुए खदान में घुस गई। इस हादसे में तीन मजदूर खदान में ही फंस गए, जिससे उनकी जान चली गई। बताया जा रहा है कि जिन तीन मजदूर की इस हादसे में जान गई है, उसमें कंडाबेर गांव के रहने वाले रीतलाल साव के बेटे प्रमोद साव, शंभू साहू के बेटे उमेश कुमार और बदरुद्दीन मियां के बेटे नौशाद आलम शामिल है।
इनमें से प्रमोद साहू और उमेश शाह खदान संचालक बताये जा रहे हैं। घटना के बाद प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और एनटीपीसी से इस संदर्भ में मदद मांगी, जिसके बाद तीन मशीनों को पानी सूखने के लिए उपलब्ध कराया गया है। हालांकि बड़े पैमाने पर हो रहे उत्खनन को लेकर आप पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।