झारखंड : 69 वर्षीय अलबीना को नहीं मिलता वृद्धा पेंशन, झोपड़ी ही आशियाना; महीनों से नहीं खाया दाल-भात
Jharkhand: 69-year-old Albina does not get old age pension, hut is her only home; has not eaten dal-bhaat for months

झारखंड के खूंटी जिला की रहने वाली 69 वर्षीय अलबीना को वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है.वृद्धा अलबीना को पीएम या आबुआ आवास योजना के तहत पक्का मकान भी नहीं मिला जिसकी वजह से वह बांस और पुरानी साड़ी से बनी झोपड़ी में रहती है.
चिलचिलाती गर्मी हो, कड़ाके की ठंड या मूसलाधार बारिश, 69 वर्षीय अलबीना का यही आशियाना है.
आजीविका के लिए अलबीना गांव-गांव घूमकर इमली और करंज इकट्ठा करती है जिसे बुड़जू के साप्ताहिक हाट में बेचने से केवल इतना पैसा ही मिल पाता है कि नमक खरीद सके.
अलबीना की झोपड़ी पर इमली की भारी टहनी झुक गई है जो तेज आंधी में कभी भी हादसे का सबब बन सकती है.
नहाने के लिए साबुन और तेल तक नहीं है
अलबीना का दावा है कि महीनों हो गए वह नहाने के लिए साबुन नहीं खरीद सकी हैं. खेतों में मिलने वाली चिकनी मिट्टी को ही देह पर लगा लेती हैं.
आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि न तो कपड़ा धोने को सर्फ है और ना ही देह में लगाने को तेल. अलबीना कहती हैं कि दाल और सब्जी खाए वर्षों बीत गये.
अलबीना पास ही पेड़ से कटहल तोड़कर उसे उबाल लेती हैं. नमक डालकर इसे ही खाती है. अलबीना को प्रतिमाह मिलने वाला फ्री राशन का लाभ भी नहीं मिल रहा है.
अलबीना की जिंदगी मुश्किल से कट रही है.
सर्वजन पेंशन योजना पर उठे गंभीर सवाल
यदि अलबीना के आरोप सही हैं तो ये राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की सर्वजन पेंशन योजना पर बड़ा सवाल है.
दरअसल, सर्वजन पेंशन योजना के तहत 50 वर्ष से अधिक आयु के वरीय नागरिकों को प्रतिमाह 1,000 रुपये दिए जाते हैं. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने इसे 2000 रुपये तक बढ़ाने का वादा किया था.
विधानसभा में मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि सर्वजन पेंशन योजना का लाभ 100 फीसदी बुजुर्ग नागरिकों को दिया जा रहा है लेकिन अलबीना के दावे से मुख्यमंत्री का दावा झूठा लगता है.