7th pay commission: लो बन गई फिटमेंट फेक्टर को लेकर बात, 35000 रुपए तक बढ़ेगी करोड़ों कर्मचारियों की सैलरी! खुशी से झूमें लोग

7th pay commission: अगर आप भी केन्द्रीय कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि फिटमेंट फेक्टर को लेकर सकारात्मक खबर सामने आ रही है.

जिसके बाद कर्मचारियों की सैलरी में एक बार फिर से बंपर इजाफा होने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों की मुताबिक, कर्मचारी परिषद ने सरकार को 2.86 फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने का सुझाव दिया है. अगर ऐसा होता है तो, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 51, 451 हो जाएगी. यानि सैलरी में लगभग 35,000 रुपए तक का इजाफा देखने को मिलेगा.

आपको बता दें कि अभी तक कर्मचारियों को सिर्फ 18 रुपए बेसिक सैलरी के तौर पर दिये जाते हैं. जिसे बढ़ाकर 51000 रुपए करने की मांग कर्मचारी परिषद कर रही है. अब फिटमेंट फेक्टर को लेकर बात भी बनती दिखाई दे र ही है.

महंगाई दर को देखते हुए रखी मांग

आपको बता दे कि देश में महंगाई 300 फीसदी तक बढ़ी है. लेकिन महंगाई भत्ता बहुत ही कम मिलता है. NC-JCM के सचिव ने सरकार ने फिटमेंट फेक्टर में बढोतरी की मांग की है. बताया जा रहा है कि 2.86 फीसदी फिटमेंट फेक्टर में इजाफे की मांग की गई है. सूत्रों का दावा है कि सरकार ने अभी अधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा है. लेकिन इंटरनली समहती जताई है. यदि ऐसा होता है तो केन्द्रीय कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 35000 तक का इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है. आपको बता दें कि  पिछले यानी 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.57 करने की सिफारिश की गई थी, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया था. उसके बाद सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 7,000 से बढ़कर 17,900 रुपये हो गया था. लेकिन महंगाई के हिसाब से अब यह नाकाफी बताया जा रहा है.

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क्या है फिटमेंट फैक्टर

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है, जिसकी मदद से सरकार सैलरी और पेंशन में संशोधन करती है. इसी के आधार पर सैलरी में इजाफा किया जाता है. वर्तमान में कर्मचारियों को फिटमेंट फैक्टर 2.57 के हिसाब से सैलरी मिलती है. इस बार भी सरकार को फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के लिए सुझाव दिया गया है, जोकि महंगाई की बढ़ती दर के हिसाब से सही बताया जा रहा है. यही नहीं  8वें वेतन आयोग को लेकर कर भी मांग उठने लगी है.  लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि साल 2025 से पहले सरकार इसे लागू करने के मूड़ में नहीं  है ..

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