75 लाख कैश…आलीशान बंगले और लग्जरी गाड़ियां… सास के घर को बना दिया कुबेर का खजाना..रंगे हाथ फंसे बारांग तहसीलदार…

ओडिशा विजिलेंस की साल के अंत में बड़ी कार्रवाई, बीमार सास के घर से निकला नोटों का पहाड़, तहसीलदार की काली कमाई का चौंकाने वाला खुलासा

कटक / भुवनेश्वर।साल के आख़िरी दिनों में ओडिशा विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक की है, जिसने पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। कटक जिले के बारांग तहसील में पदस्थ एडिशनल तहसीलदार जितेंद्र कुमार पांडा के ठिकानों पर हुई छापेमारी में ऐसा खुलासा हुआ, जिसे देखकर खुद अधिकारी भी सन्न रह गए।

विजिलेंस टीम के हाथ नोटों का ऐसा अंबार लगा कि गिनती करने वाली मशीनें तक गर्म हो गईं। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि यह काली कमाई तहसीलदार ने अपनी बीमार सास के घर में छिपा रखी थी।

 बिस्तर पर सास, घर में नोटों का पहाड़

विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, भुवनेश्वर के बडगड़ा स्थित ब्रिट कॉलोनी में उनकी सास के घर से करीब 75 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि सास लंबे समय से बेड-रिडन हैं और इसी का फायदा उठाकर तहसीलदार पांडा ने उनके घर को अपनी ‘सेफ तिजोरी’ बना लिया।

अधिकारियों को शक न हो, इसलिए भारी मात्रा में नकदी वहीं डंप कर दी गई थी, लेकिन विजिलेंस की रेड ने पूरी साजिश को बेनकाब कर दिया।

 आलीशान बंगले, फ्लैट और प्लॉट… देखकर फटी अधिकारियों की आंखें

सिर्फ नकदी ही नहीं, बल्कि तहसीलदार और उनके परिवार के नाम पर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का भी खुलासा हुआ है—

  • भुवनेश्वर में दो तिमंजिला इमारतें:

    • बडगड़ा के गोपालूनी नगर में करीब 4000 वर्ग फीट का भव्य तिमंजिला मकान

    • ब्रिट कॉलोनी में एक और तिमंजिला इमारत

  • फ्लैट और प्लॉट:

    • उत्तरा इलाके में 2-BHK फ्लैट

    • भुवनेश्वर के पॉश इलाकों में 3 कीमती प्लॉट

    • खोरधा में एक प्लॉट और एक दोमंजिला इमारत

 लग्जरी कार और सोने के जेवर

छापेमारी के दौरान विजिलेंस को

  • एक महंगी KIA Seltos कार

  • 4 दोपहिया वाहन

  • करीब 100 ग्राम सोने के जेवर भी बरामद हुए हैं।

 4 DSP, 7 इंस्पेक्टर… पूरी फौज उतरी मैदान में

इस हाई-प्रोफाइल रेड के लिए विजिलेंस ने फुल प्लानिंग के साथ कार्रवाई की।

  • 4 डीएसपी

  • 7 इंस्पेक्टर

  • 1 सब-इंस्पेक्टर

  • 8 एएसआई

की टीम ने एक साथ 4 ठिकानों पर छापा मारा।
इसके साथ ही बारांग तहसील कार्यालय में भी उनके चैंबर की तलाशी ली गई।

 SBI लॉकर अभी बाकी, खुल सकते हैं और राज

विजिलेंस ने बताया कि एसबीआई में स्थित एक लॉकर अभी खोला जाना बाकी है, जिसमें और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल तहसीलदार पांडा से लगातार पूछताछ की जा रही है कि—

 एक सरकारी अफसर के पास इतनी अकूत दौलत आखिर आई कहां से?

साल के अंत में हुई यह कार्रवाई साफ संदेश दे रही है—
 भ्रष्टाचार कितना भी चालाकी से छिपाया जाए, कानून की नजर से बच नहीं सकता।

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