जंगल हिला देने वाला मंजर…71 नक्सली अचानक पुलिस के सामने आए…हथियार डालते ही फैली दहशत…

सोमवार को ऐसा मंजर दिखा जिसने पूरे जिले को हिला दिया—एक ही मंच पर 71 नक्सली हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे। इनमें 64 लाख के इनामी 30 कुख्यात नक्सली भी शामिल थे, जो अब तक कई खूनी वारदातों का हिस्सा रहे हैं। लोन वर्राटू अभियान के तहत हुआ यह सामूहिक सरेंडर नक्सली संगठन की कमजोर पड़ती जड़ों और उनके काले राज़ के उजागर होने का बड़ा सबूत माना जा रहा है।
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर सुरक्षा बलों का दबाव और सरकार की पुनर्वास योजनाओं में बदलाव का असर अब साफ दिख रहा है। आज दोपहर, बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में एक ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी को चौका दिया।
पुलिस अधीक्षक गौरव रॉय और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष 71 नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक कदम उठाया। इनमें कुल 30 ऐसे खतरनाक नक्सली शामिल थे, जिन पर 64 लाख रुपए के इनाम घोषित थे।
यह आत्मसमर्पण “लोन वर्राटू अभियान” के तहत हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में लगातार सर्चिंग और संवाद अभियान चलाया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कई गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं, लेकिन अब सरकार की कौशल विकास और पुनर्वास योजनाओं के तहत उन्हें दैनिक उपयोगी वस्तुएं और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास योजना के तहत मदद दी और उनके मुख्यधारा में लौटने का स्वागत किया।
हालांकि, अब सवाल उठता है – क्या ये नक्सली हमेशा के लिए हिंसा की राह छोड़ देंगे, या यह सिर्फ रणनीतिक कदम था? बस्तर की धरती पर इस बदलाव का असर आने वाले समय में ही साफ दिखेगा।