रांची : जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में तीन दिन लगातार चली सुनवाई के बाद अब सुनवाई पूरी हो गयी है। दोनों पक्षों की दलली को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लियाहै। माना जा रहा है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनायेगा। इससे सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई पूरी हुई।

इस मामले बुधवार को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शुभाशीष सोरेन ने अदालत के आदेश के आलोक में लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। उन्होंने अदालत को बताया था कि पेपर वन का मार्क रिटेन एग्जाम के दौरान ही जोड़ा जाना चाहिए था, ताकि उस आधार पर अन्य अभ्यर्थी को भी साक्षात्कार में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार या जेपीएससी ने किसी भी तरह के सर्कुलर में कोई बदलाव नहीं किया है, जिस पर अदालत ने उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा था। रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखा. मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखते हुए जेपीएससी के द्वारा रिवाइज रिजल्ट के मार्किंग पैटर्न को सही बताया है।

वहीं, वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है इसलिए पेपर वन का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता इसके लिए कई बाध्यताएं हैं. वहीं पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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