सुकमा। नक्सल आपरेशन में जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में दो महिलाओं समेत छह नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के सिर पर कुल 36 लाख रुपए का इनाम था। सुकमा जिले के नक्सलियों– दूधी पोज्जा (27), उसकी पत्नी दूधी पोज्जे (24), महिला नक्सली जयक्का उर्फ आयते कोरसा (51), कवासी मुड़ा (30), कारम नारन्ना उर्फ भूमा (65) और रैनु उर्फ मड़कम सुक्का (35) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली दूधी पोज्जा के सिर पर आठ लाख रुपये, दूधी पोज्जे के सिर पर आठ लाख रुपये, जयक्का के सिर पर पांच लाख रुपये, कवासी मुड़ा के सिर पर पांच लाख रुपये, कारम नारन्ना के सिर पर पांच लाख रुपये और रैनु के सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन नक्सलियों ने पुलिस के ‘पूना नर्कोम’ अभियान (नई सुबह, नई शुरुआत) से प्रभावित होकर और माओवादी नेताओं के भेदभावपूर्ण व्यवहार से तंग आकर हिंसा का मार्ग छोड़ने एवं समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि इन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल हमले समेत कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।

इससे पहले नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को तीन नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें दो महिलायें शामिल हैं । पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला नक्सली नंदे मड़काम (24) और मल्ले मुचाकी (25) तथा नक्सली केशा गोंचे (22) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मलांगेर एरिया कमेटी में सक्रिय थे। उन्होंने बताया कि नक्सली पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ से प्रभावित हैं और माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश हैं।

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